..जब यहां थम जाती है राजधानी एक्सप्रेस की भी रफ्तार

देश में हाईस्पीड व बुलेट ट्रेन दौड़ाने की बात हो रही है, इसके लिए प्रयोग भी हो रहे हैं लेकिन सबसे व्यस्त रेल खंड इलाहाबाद-मुगलसराय रूट पर ट्रेनों की रफ्तार थम सी जाती है। हाल यह है कि इस रेल खंड पर आधा दर्जन पुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। इनमें से तीन पुलों पर तो स्थाई तौर पर जबकि अन्य तीन पर यदाकदा कॉशन पर ट्रेनों

By Edited By: Publish:Fri, 19 Sep 2014 02:31 PM (IST) Updated:Sat, 20 Sep 2014 07:30 AM (IST)
..जब यहां थम जाती है राजधानी एक्सप्रेस की भी रफ्तार

लखनऊ। देश में हाईस्पीड व बुलेट ट्रेन दौड़ाने की बात हो रही है, इसके लिए प्रयोग भी हो रहे हैं लेकिन सबसे व्यस्त रेल खंड इलाहाबाद-मुगलसराय रूट पर ट्रेनों की रफ्तार थम सी जाती है। हाल यह है कि इस रेल खंड पर आधा दर्जन पुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। इनमें से तीन पुलों पर तो स्थाई तौर पर जबकि अन्य तीन पर यदाकदा कॉशन पर ट्रेनों को चलाना पड़ता है। हालांकि इनकी मरम्मत के लिए तीन साल पहले ही बीस करोड़ का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है।

आगरा-दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन को चलाकर ट्रायल किया गया। दिल्ली व कानपुर के बीच भी इसी तरह के ट्रायल की तैयारी है। देश के सबसे व्यस्त रेल रूट दिल्ली से हावड़ा के बीच यह ट्रायल तो फिलहाल संभव नहीं है। इलाहाबाद-मुगलसराय रेल रूट के बीच स्थित आधा दर्जन छोटे-बड़े कमजोर रेलवे पुलों के चलते इन पर कॉशन लगाकर राजधानी, गरीब रथ, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस सहित अन्य हाई स्पीड ट्रेनों को पचास किलोमीटर की स्पीड पर बांध दिया गया है। इस रूट पर राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित है लेकिन कॉशन के चलते यह 50 किमी की रफ्तार से ही चल रही है। एक घंटे का सफर तय करने में दो घंटे लग जाते हैं।

रेलवे का दावा है कि नए पुलों के निर्माण व पुराने की मरम्मत के बाद यह स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना है। सहायक मंडल अभियंता विनीत कुमार ने बताया कि प्रस्ताव तो पहले ही भेजा जा चुका है लेकिन बजट के अभाव में काम नहीं हो रहा है। मरम्मत कर ट्रेनों को चलाया जा रहा है।

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