जानें क्या है खालिस्‍तानी लिबरेशन फोर्स, पंजाब में बड़े खतरे का संकेत !

1980 के दशक में सिखों के लिये अलग खालिस्तान की मांग उठी थी और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के नेतृत्व में खालिस्तान आंदोलन परवान चढ़ा था।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Sun, 27 Nov 2016 11:59 AM (IST) Updated:Sun, 27 Nov 2016 12:33 PM (IST)
जानें क्या है खालिस्‍तानी लिबरेशन फोर्स, पंजाब में बड़े खतरे का संकेत !

जेएनएन, पटियाला। नाभा की मेक्सिमम जेल पर हमला कर रविवार सुबह करीब आठ बजे पुलिस की वर्दी में आए 8-10 हथियारबंद लोगों ने जेल पर हमला कर छह कैदियों को छुड़वा लिया है। हमलावर खालिस्तानी आंतकवादी हरमिंदर सिंह मिंटू, विक्की गौंडर, गुरप्रीत सिंह, नीटू दयोल, विक्रमजीत बिक्का और अमन सिंह टोडा को छुड़ा ले गए है।

हरमिंदर सिंह मिंटू खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) का मुखिया है। नाभा जेल पर हमले के बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जानें क्या है खालिस्तान लिबरेशन फोर्स ?

1980 के दशक में सिखों के लिये अलग खालिस्तान की मांग उठी थी और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के नेतृत्व में खालिस्तान आंदोलन परवान चढ़ा था। जिस कारण पूरे पंजाब में आंतकवादी गतिविधियां चरम पर थीं। 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकियों को हटाने के नाम पर सेना की कार्रवाई ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद खालिस्तान का आंदोलन और भड़का और आतंकियों ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। जिसके बाद देश भर में भयानक दंगे भड़क गए थे।

अमरीका समेत कई देशों में पिछले कई सालों से खालिस्तान आंदोलन चलता रहा है। भिंडरावाले टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स जैसे संगठनों से जुड़े चरमपंथी समय-समय पर गिरफ्तार किये जाते रहे हैं। ऐसे में आज इन लोगों का भाग जाना एक बड़े खतरे का संकेत माना जा रहा है।

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