New Year Weather: उत्तर भारत में भीषण शीतलहर, पहाड़ों पर बर्फबारी, जानें-नए साल पर ऐसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि 3 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में शीत लहर के चलते जबरदस्त ठंड पड़ेगी। इसके साथ ही नए साल का स्वागत भी कड़ाके की ठंड के साथ होगा। 31 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने का अनुमान है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 05:08 PM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 07:18 AM (IST)
New Year Weather: उत्तर भारत में भीषण शीतलहर, पहाड़ों पर बर्फबारी, जानें-नए साल पर ऐसा रहेगा मौसम
नव वर्ष को लेकर कुल्लू मनाली की वादियों में पर्यटकों का आना लगातार जारी (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसी। पहाड़ों में बर्फबारी के चलते दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि 3 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में शीत लहर के चलते जबरदस्त ठंड पड़ेगी। इसके साथ ही नए साल का स्वागत भी कड़ाके की ठंड के साथ होगा। मौसम विभाग के मुताबिक 31 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने का अनुमान है, इसलिए उस दिन ठंड ज्यादा रहेगी। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक राजधानी समेत उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों को अभी ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने कहा कि शीत लहर (Cold Wave) के कारण अभी अगले दो दिन में राजधानी में ठिठुरन और बढ़ सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अधिकतर इलाकों में अगले दो दिन तक शीत लहर की रफ्तार तेज होने की संभावना है। जिससे न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा। साथ ही अगले दो दिनों में इन सभी राज्यों में ठिठुरन वाली ठंड पड़ने की आशंका है।

♦ Cold Wave to Severe Cold Wave conditions in isolated to some pockets very likely over Himachal Pradesh,

Uttarakhand, Punjab, Haryana, Chandigarh & Delhi, Uttar Pradesh, Rajasthan and West Madhya Pradesh

— India Meteorological Department (@Indiametdept) December 30, 2020

हिमाचल में कई जगह पारा माइनस में, जबरदस्त बर्फबारी

डलहौजी में पारा माइनस में चला गया है। यहां करीब 4 फीट बर्फबारी हुई है। इस बर्फबारी में टूरिस्टों को मजा तो आ रहा है, लेकिन संकट भी खड़ा हो गया है। टूरिस्टों की कारें जहां थीं, वहीं जम गई हैं, रास्तों पर भी बर्फ ही बर्फ बिछी है। यानी तमाम टूरिस्ट फंस गए हैं। पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले शिमला में सबकुछ बर्फ में दबा, ढका नजर आ रहा है, पेड़, पहाड़, होटल, रास्ते, कारें, बर्फ ने सबकुछ अपनी आगोश में ले लिया है। शिमला में रास्तों पर इतनी बर्फ जम गई है कि जेसीबी से हटानी पड़ रही है। शिमला में सीजन की ये पहली बर्फबारी हुई है। लेकिन बर्फबारी की मार से ऊपरी शिमला का संपर्क देश और दुनिया से कट चुका है, जो जहां हैं, वहीं रह गया है। शिमला शहर के कई इलाकों में बिजली भी गुल है। हिमाचल प्रदेश के सोलन में भी जबरदस्त बर्फबारी हो रही है। आपको बता दें कि सोलन दिल्ली से महज 300 किलोमीटर दूर है और चंडीगढ़ से सिर्फ 65 किलोमीटर दूर है। हिमाचल प्रदेश के चैल में मौसम की पहली बर्फबारी हुई है।

कश्मीर में कड़ाके की ठंड के साथ भयंकर बर्फबारी

कश्मीर के श्रीनगर में आसमान से बर्फ गिर रही है। सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है। कश्मीर में 40 दिन का 'चिलाई कलां' का दौर चल रहा है, इस दौरान कश्मीर में कड़ाके की ठंड के साथ भयंकर बर्फबारी होती है। सर्दी का आलम ये रहता है कि पानी की लाइनें भी जम जाती हैं। ये चिलाई कलां 21 दिसंबर से शुरू हुआ है और 31 जनवरी तक चलेगा। जम्मू-कश्मीर के पटनीटॉप, बटोटे और कई दूसरे इलाके भीषण बर्फबारी की चपेट में हैं। ऐसे में कड़ाके की ठंड के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा है। राजस्थान में जहां गर्मियों में पारा 50 डिग्री के पार पहुंच जाता है, वहां आजकल बर्फ जम रही है। खुले बर्तनों में रखा पानी जम जा रहा है, तो पेड़ों पर ओस की बूंदें भी बर्फ बन रही है।

राजस्थान के माउंट आबू में तापमान -4 डिग्री

राजस्थान के माउंट आबू में तापमान लुढ़ककर -4 डिग्री पर आ गया है। खेतों में बर्फ की चादर सी बिछी हुई है। माउंट आबू में ओस जमकर बर्फ बन गई है। गर्मियों में देश का सबसे गर्म शहर बनने वाला फतेहपुर शेखावटी, आजकल बर्फिस्तान बना हुआ है। फतेहपुर शेखावटी में इस वक्त शिमला जैसा मौसम है।

पेड़ों पर टपकती ओस की बूंदे बर्फ बन गई हैं। गमलों में बर्फ जम चुकी है। खेतों में रखा बर्तनों का पानी बर्फ में बदल चुका है। पूरा फतेहपुर शेखावटी इस वक्त भयंकर शीतलहर की चपेट में है।

मप्र में भीषण ठंड

मध्य प्रदेश भी ठंड से जम रहा है। यहां मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ में सुबह-सुबह खेतों में फसलों पर बर्फ ही बर्फ जमी हुई दिखाई दे रही है। मंदसौर में पाला पड़ रहा है। किसानों को डर है कि कहीं उनकी फसलें खराब ना हो जाएं। चना, गेहूं, मेथी, आलू और अफीम की खेती के लिए ये पाला बहुत ही नुकसान दायक है।

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