राहुल की ताजपोशी तारीख के लिए गुजरात चुनाव के ऐलान का इंतजार

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया की तारीख तय की जा सके। पार्टी की इस रणनीति को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नवंबर मध्य तक होने की संभावना है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 23 Oct 2017 09:42 PM (IST) Updated:Mon, 23 Oct 2017 09:42 PM (IST)
राहुल की ताजपोशी तारीख के लिए गुजरात चुनाव के ऐलान का इंतजार
राहुल की ताजपोशी तारीख के लिए गुजरात चुनाव के ऐलान का इंतजार

नई दिल्ली, संजय मिश्र। गुजरात विधानसभा चुनाव के ऐलान में हो रही देरी की वजह से कांग्रेस राहुल गांधी की ताजपोशी की तारीख को अंतिम रुप नहीं दे पा रही है। इसीलिए पार्टी गुजरात चुनाव के कार्यक्रमों का जल्दी ऐलान का बेसब्री से इंतजार कर रही है। ताकि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया की तारीख तय की जा सके। पार्टी की इस रणनीति को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नवंबर मध्य तक होने की संभावना है।

पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने राहुल की ताजपोशी में हो रही देरी की वजह पूछे जाने पर साफ कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराने की एक पूरी प्रकिया है। इसमें चुनाव कार्यक्रम की घोषणा और नामांकन से लेकर मतदान की पूरी प्रक्रिया के लिए कम से कम 15 से 20 दिनों का विंडो चाहिए। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव इसी दरम्यान 9 नवंबर को है। जबकि गुजरात चुनाव के तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में पार्टी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम तय करने में मुश्किल आ रही है।

राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने से पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की भी तैयारी है। मगर कार्यसमिति की इस बैठक को लेकर भी उहापोह जारी है। जाहिर तौर पर कांग्रेस हाईकमान की निगाहें भी गुजरात चुनाव की तारीखों पर लगी हैं। वैसे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए पार्टी संविधान के हिसाब से कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के पास अधिकार हैं। मगर माना जा रहा कि सोनिया गांधी चुनाव प्रक्रिया को लेकर किसी तरह का सवाल उठे इसकी गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहतीं। इसीलिए कार्यसमिति की बैठक के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम तय करने की तैयारी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बेशक कांग्रेस में राहुल गांधी का नेतृत्व संभालना निर्विवाद है। मगर चुनाव प्रक्रिया का पूरा पालन तो करना ही होगा और यह पहले से कैसे मान लिया जाएगा कि चुनाव में कोई सामने नहीं आ सकता। इन सारे पहलुओं को देखते हुए अध्यक्ष के चुनाव के लिए न्यूनतम दो हफ्ते तो चाहिए हीं।

पार्टी ने पहले तय कार्यक्रम के हिसाब से 31 अक्टूबर तक संगठन चुनाव पूरा करने का कार्यक्रम तय किया था। मगर पहले प्रदेश इकाईयों के चुनाव में हुई देरी और अब गुजरात चुनाव की तारीखों के इंतजार की वजह से इसमें विलंब होना तय माना जा रहा।

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