भारत बंद के दूसरे दिन दिल्ली में तोड़फोड़, नोएडा में फिर चले पत्थर

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन गुरुवार को भी खासा असर तारी हुआ। सड़क मार्ग व रेल मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा, कारखानों में उत्पादन ठप करके श्रमिक नारे बुलंद करते रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में लगातार दूसरे दिन कामकाज ठप रहा। एटीएम में नकदी खत्म हो जाने से बड़ी संख्या में लोग परेशान नजर आए। कोलकाता, मुंबई और दिल्ली के लोग इस समस्या से खासतौर पर जूझते नजर आए। राजधानी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र और नोएडा में तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं जबकि बंगाल में कार्यालय से अनुपस्थित रहने वाले पंचायत अधिकारी का कान काटे जाने की घटना सामने आई है।

By Edited By: Publish:Thu, 21 Feb 2013 08:36 AM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2013 09:50 PM (IST)
भारत बंद के दूसरे दिन दिल्ली में तोड़फोड़, नोएडा में फिर चले पत्थर

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन गुरुवार को भी खासा असर तारी हुआ। सड़क मार्ग व रेल मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा, कारखानों में उत्पादन ठप करके श्रमिक नारे बुलंद करते रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में लगातार दूसरे दिन कामकाज ठप रहा। एटीएम में नकदी खत्म हो जाने से बड़ी संख्या में लोग परेशान नजर आए। कोलकाता, मुंबई और दिल्ली के लोग इस समस्या से खासतौर पर जूझते नजर आए। राजधानी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र और नोएडा में तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं जबकि बंगाल में कार्यालय से अनुपस्थित रहने वाले पंचायत अधिकारी का कान काटे जाने की घटना सामने आई है। पता चला है कि बुधवार को कार्यालय न आने के चलते उस पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया।

हड़ताल के दूसरे दिन दोपहर बाद दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में उपद्रवियों ने कई फैक्ट्रियों पर पत्थर बरसाए। हड़तालियों ने बंद के समर्थन में नारे लगाते हुए करीब दो सौ फैक्ट्रियों पर पथराव किया। पता चला है कि इनमें से कुछ में कामकाज हो रहा था। पुलिस ने तत्काल सक्रिय होकर उपद्रवियों को खदेड़ दिया। छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सैकड़ों हिरासत में हैं। यह स्थान उत्तर प्रदेश के नोएडा के नजदीक है, जहां बुधवार को हड़ताल के दौरान व्यापक तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। गुरुवार को नोएडा में पुलिस बल की व्यापक तैनाती और निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद सेक्टर 82 व अन्य कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ होने की जानकारी मिली है। पुलिस ने बुधवार की घटना के सिलसिले में श्रमिक संगठनों के नेताओं सहित 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। शासन इन पर गुंडा एक्ट लगाने का फैसला पहले ही कर चुका है।

वामपंथी मजदूर संगठनों के सर्वाधिक निशाने पर रहे पश्चिम बंगाल में गुरुवार को हड़ताल का असर निजी क्षेत्र की बैंकों पर दिखाई दिया। सड़क यातायात पर हड़ताल का मिला-जुला असर दिखाई दिया। मुर्शिदाबाद जिले के जलंगीर देवीपुर ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत अधिकारी हजरत उमर बुधवार को कार्यालय नहीं आए थे। तृणमूल समर्थकों ने गुरुवार को आते ही उनसे गैरहाजिरी की बाबत पूछताछ की, इसके बाद उनसे मारपीट की। इसी दौरान एक कार्यकर्ता ने चाकू से उनका कान काट डाला। इसी जिले में हरिहरपुर ग्राम पंचायत के एक स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ भी तृणमूल समर्थकों ने मारपीट की। वह भी बुधवार को स्कूल नहीं आए थे। गौरतलब है कि बुधवार को हालीशहर नामक स्थान पर बच्चों की कम उपस्थिति के मद्देनजर तृणमूल समर्थकों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ मारपीट की थी। पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने घटनाओं की निंदा की है।

इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब और हरियाणा समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में हड़ताल का मिला-जुला असर रहने की खबर है। सभी जगह सड़क यातायात को बाधित किए जाने की सूचना है। ओडिशा में जबरन बंद करा रहे आठ सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

दिल्ली एनसीआर में ढाई हजार करोड़ का नुकसान :-

कर्मचारी व मजदूर संगठनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का असर दिल्ली में भी दिखा। हड़ताल के पहले दिन बुधवार सुबह राजधानी की सड़कों से हजारो ऑटो व टैक्सियां गायब रहीं। यात्रियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा। माल ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट न मिलने से बाजारों से रौनक गायब रही। अनुमान लगाया गया है कि हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

बुधवार को बाजार तो खुले रहे मगर थोक कारोबार प्रभावित रहा। ट्रांसपोर्ट न मिलने से दूर से खरीददारी करने ग्राहक नहीं आए। बैंकिंग व डाक सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक हड़ताल के पहले दिन दिल्ली एनसीआर में कम से कम 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने गुरुवार को भी इतना ही नुकसान होने की आशंका जताई है।

एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने भी करोड़ों के नुकसान की आशंका जताई है।

जगह-जगह प्रदर्शन से ट्रैफिक हुआ जाम :-

लंबित मांगों को लेकर मजदूर संगठनों ने हड़ताल के साथ जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रोष जाहिर किया। आइटीओ, दिल्ली गेट, राजघाट, जंतर- मंतर को जाने वाली सड़कों पर दिन में ट्रैफिक की समस्या से भी लोगों को रुबरू होना पड़ा। जनशक्ति रेलवे कुली यूनियन के बैनर तले कुलियों की समस्याओं को लेकर जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के साथ महासचिव अब्दुल खालिक, प्रदेश अध्यक्ष विनोद नागर ने संबोधित किया।

रैली में सभी रेलवे जोन, मंडल, जंक्शन एवं कार्यरत स्टेशनों के हजारों कुलियों ने हिस्सा लिया। मंहगाई, श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने के खिलाफ मजदूर संगठनों के हड़ताल का नार्दन रेलवेमैन्स यूनियन ने समर्थन दिया है। बड़ौदा हाउस स्थित उत्तर रेलवे मुख्यालय के बार यूनियन की सभा को ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने भी संबोधित किया। भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

नेशनल पैंथर्स पार्टी के महासचिव राजीव जौली खोसला ने बंद का समर्थन किया और लोगों को समझाया कि शांतिपूर्ण बंद करना मौजूदा स्थिति को देखते हुए जरूरी है। निर्माण मजदूर अधिकार अभियान धर, इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन ने हड़ताल को समर्थन दिया है। आइटी अधिकारी आए दफ्तर, हड़ताल पर रहे कर्मचारी मजदूर संगठनों के देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के कारण आयकर विभाग में भी लगभग कामकाज ठप रहा।

हालांकि, अधिकारी दफ्तरों में पहुंचे पर विभाग के 4500 कर्मचारियों ने दफ्तर परिसर में हड़ताल का मोर्चा संभाले रखा। इससे दिल्ली सर्कल आयकर विभाग में करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। आयकर विभाग में ग्रुप बी के गैर राजपत्रित अधिकारियों, गु्रप सी व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने काम नहीं किया। इस कारण चालान, आयकर से जुड़ी लोगों की शिकायतों, गलतियों में सुधार से संबंधित कार्य नहीं हो पाए।

आयकर कर्मचारी फेडरेशन के प्रेजिडेंट अशोक कुमार कनौजिया ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा। महासचिव ओमवीर सिंह ने कहा कि अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों का वेतन भी तय होना चाहिए।

नोएडा में गुरिल्ला युद्ध की तरह आतंक :-

शहर में बुधवार को होजरी कांप्लेक्स में उपद्रवियों ने गुरिल्ला की तरह फैक्ट्रियों में आतंक मचाया। सुबह से ही इधर-उधर जाकर उपद्रवियों ने कई फैक्ट्रियों में तोड़फोड़ की। बीच-बीच में कई तरह की अफवाहों के साथ भीड़ उग्र होती रही और पुलिस के साथ भिड़ती रही। कभी पुलिस तो कभी उपद्रवी हावी हो जाते। फेज दो स्थित होजरी कांप्लेक्स के कई कारोबारियों ने फैक्टरी के अंदर लूट करने का आरोप लगाया।

उपद्रवियों ने कंपनी के अंदर घुसकर पहले काम बंद कराया और तोड़फोड़ करने के बाद गारमेंट व अन्य निर्मित सामान लूट लिया। भंगेल से आगे बढ़ते ही सड़क पर जाम लगाते बंद समर्थकों ने आम राहगीरों से बदतमीजी भी की। सड़क पर कई स्थानों पर जाम लगा दिया और टायर जलाए। घटना के बाद फेज दो इलाके में एडीजी एनसीआर ओपी सिंह, मेरठ कमिश्नर मृत्युंजय कुमार, डीएम एमकेएस सुंदरम, एसएसपी शलभ माथुर, एसपी सिटी योगेश सिंह सहित तमाम आला अधिकारी पहुंचे। इनके काफिले के साथ गाजियाबाद पुलिस की टीम व पीएसी थी। सेक्टर-62 एक्सपो सेंटर में सेमिनार में शामिल होने मेरठ जोन से पुलिसकर्मी आए थे। हंगामे की सूचना पर उन्हें नोएडा पुलिस की मदद के लिए भेजा गया।

दूसरे दिन एटीएम ने भी दिया दगा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मजदूर संगठनों की दो दिवसीय हड़ताल से न केवल औद्योगिक उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है, बल्कि आम जनता भी दिक्कतों का शिकार हुई। हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई। सरकारी बैंकों के एटीएम में पैसा खत्म होने से ग्राहकों की मुश्किलें और बढ़ गईं। कई जगहों पर ज्यादा निकासी से निजी बैंकों के एटीएम में भी नकदी जल्दी खत्म हो गई। मारुति सुजुकी जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों में हड़ताल से इनका उत्पादन प्रभावित हुआ।

उद्योग जगत ने हड़ताल के दौरान दूसरे दिन भी देश के कई हिस्सों से हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है। प्रमुख उद्योग चैंबर एसोचैम ने नोएडा में कई जगहों पर हड़ताल के दौरान हिंसक वारदात को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से तुरंत सुरक्षा के कदम उठाने की अपील की है। चैंबर के मुताबिक, ऐसे करने पर उद्योग के साथ-साथ कर्मचारियों में भी सुरक्षा की भावना पैदा की जा सकेगी। एसोचैम ने स्थानीय प्रशासन की निंदा की है, जो कंपनियों व कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं कर पा रहा है। अगर उद्योग जगत को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई तो इससे नोएडा व ग्रेटर नोएडा में निवेश करने वाले निवेशक भाग सकते हैं।

एक अन्य शीर्षस्थ चैंबर सीआइआइ के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने कहा है कि मौजूदा समय में इतनी बड़ी हड़ताल होना बेहद खेदजनक है। यह मंदी की स्थिति को और गंभीर बनाएगी। इससे आम जनता के साथ ही उद्योग जगत को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों, छोटे कारोबार करने वाले व्यवसायियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई है। गोदेरज का मानना है कि बैंक व बीमा कारोबार के लिए इस हड़ताल में जानबूझ कर ज्यादा दिक्कतें पैदा की गई, क्योंकि इन दोनों से अन्य सभी उद्योग काफी जुड़े हुए होते हैं। जब सरकार निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, हड़ताल से उसकी ऐसी कोशिशों पर पानी फिर सकता है।

सीआइआइ ने हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष व परोक्ष हानि की बात कही है। वहीं, एसोचैम ने अर्थव्यवस्था को इससे नुकसान का आंकड़ा 26 हजार करोड़ रुपये बताया है। सबसे ज्यादा असर चेक के क्लीयरिंग पर पड़ा है। रिजर्व बैंक रोजाना 6-7 लाख चेक की क्लियरिंग करता है। वहां भी हड़ताल होने की वजह से पिछले दो दिनों में एक भी चेक की क्लीयरिंग नहीं हुई है। इससे व्यवसायिक लेनदेन में देरी हुई है।

असर वाले प्रमुख क्षेत्र

बैंकिंग : सभी सरकारी बैंकों में दो दिनों तक कोई काम नहीं हुआ। एटीएम में भी पैसा खत्म हुआ। निजी बैंकों के साथ प्रतिस्पद्र्धा में सरकारी बैंक और पिछड़ेंगे। निजी बैंक बन सकते हैं ग्राहकों की पहली पसंद।

बीमा : इस महीने में एलआइसी पूरे साल का सबसे ज्यादा कारोबार करती है। कर छूट के लिए बीमा करवाने वाले ग्राहकों को करना पड़ रहा है इंतजार।

कोयला खदान : सरकारी कोयला कंपनियों में कार्यरत लगभग सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। देश के बिजली संयंत्र पहले से ही कोयले की कमी से त्रस्त हैं। कोयले की दिक्कत बढ़ेगी।

बंदरगाह : देश के तमाम बंदरगाहों पर कर्मचारियों की उपस्थिति बहुत कम रही है। निर्यात की स्थिति काफी डांवाडोल है। ऐसे में स्थति और बिगड़ेगी।

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