दियों की रोशनी से जगमगाया वाराणसी, पीएम मोदी ने कहा- बेहद खास है ये देव दीपापली; देखें शानदार तस्वीरें

देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर हजारों भक्त वाराणसी में पूजा करने और गंगा में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। राक्षस राजा त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत के उपलक्ष्य में पवित्र त्योहार मनाया जाता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Tue, 08 Nov 2022 08:12 AM (IST) Updated:Tue, 08 Nov 2022 08:24 AM (IST)
दियों की रोशनी से जगमगाया वाराणसी, पीएम मोदी ने कहा- बेहद खास है ये देव दीपापली; देखें शानदार तस्वीरें
पीएम मोदी ने ट्विटर पर शेयर की देव दीपावली की कुछ खास फोटो

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। वाराणसी के गंगा तट पर सोमवार को देव दीपावली का त्योहार मनाया गया। गंगा तट के 84 घाटों पर करीब आठ लाख दीपक जलाए गए। वाराणसी के लोगों ने भी पूरे शहर को लगभग 11 लाख मिट्टी के दीयों से सजाया। वाराणसी में देव दीपावली समारोह के दौरान अस्सी और दशाश्वमेध जैसे प्रसिद्ध घाटों पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिनभर बहुरंगी रोशनी और नावें आकर्षण का प्रमुख हिस्सा बनी रहीं। देव दीपावली के अवसर पर दर्शकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण घाटों पर की जाने वाली गंगा आरती भी थी।

इस खास अवसर पर पीएम मोदी ने देव दीपावली की कुछ फोटो ट्विटर पर पोस्ट की हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि देव दिवाली खास है और काशी में देव दिवाली और भी यादगार है। एक नजर शाश्वत शहर काशी की इन शानदार तस्वीरों पर...

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देव दीपावली समारोह की कुछ तस्वीरें साझा कीं हैं। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देव दीपवली के पावन अवसर पर आस्था, विश्वास और विकास की असंख्य दीप शिखाओं से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी रोशन हुई।

हजारों भक्त आज के दिन गंगा में लगाते हैं डुबकी

देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर हजारों भक्त वाराणसी में पूजा करने और गंगा में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। राक्षस राजा त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत के उपलक्ष्य में पवित्र त्योहार मनाया जाता है।

इसलिए मनाई जाती है देव दीपावली

पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रिपुरासुर ने पृथ्वी पर मनुष्यों और स्वर्ग के सभी देवताओं को परेशान किया था। तब सभी देवता भगवान शिव के पास गए और उनकी मदद मांगी। अनुरोध स्वीकार करते हुए शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर का वध किया था। सभी देवता काशी पर उतरे और इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एक दीप जलाया और भगवान शिव को धन्यवाद दिया। तब से हर साल वाराणसी में देव दीपावली मनाई जाती है।

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