दो साल बाद इतने करोड़ रुपये का होगा आम बजट, व्यय करने में कंजूसी नहीं करेगी सरकार

वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का कुल व्यय यानी आम बजट करीब 26 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Fri, 11 Aug 2017 09:58 AM (IST) Updated:Fri, 11 Aug 2017 11:27 AM (IST)
दो साल बाद इतने करोड़ रुपये का होगा आम बजट, व्यय करने में कंजूसी नहीं करेगी सरकार
दो साल बाद इतने करोड़ रुपये का होगा आम बजट, व्यय करने में कंजूसी नहीं करेगी सरकार

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। विकास दर की रफ्तार में अभी भले ही उछाल नहीं आए लेकिन सरकार व्यय करने में कंजूसी नहीं करेगी। सरकार अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सार्वजनिक व्यय में खासी वृद्धि जारी रखेगी। वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का कुल व्यय यानी आम बजट करीब 26 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। खास बात यह है कि इस आम बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन अच्छा खासा होगा क्योंकि अगले दो वर्षो में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में करीब 22 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बृहस्पतिवार को मध्यावधि व्यय फ्रेमवर्क वक्तव्य लोक सभा में रखा जिसमें ये अनुमान व्यक्त किए गए हैं। हालांकि व्यय के ये अनुमान विकास दर के जिन आंकड़ों को आधार मानकर तय किया गया है वे अधिक उत्साहजनक नहीं है। इसे देखने पर पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की नॉमिनल ग्रोथ जहां 11.75 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह 12.3 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

वित्त मंत्रालय के इस दस्तावेज के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का कुल व्यय 25.95 लाख करोड़ रुपये होगा जबकि चालू वित्त वर्ष में यह 21.46 लाख करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2009-10 में पहली बार देश के आम बजट का आकार दस लाख करोड़ रुपये को पार किया था। उल्लेखनीय है कि देश आजाद होने के बाद पहले आम बजट का आकार मात्र 197.39 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार के कुल व्यय में पूंजीगत व्यय का आंकड़ा भी बढ़कर 3.90 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो कि चालू वित्त वर्ष में 3.09 लाख करोड़ रुपये है। सरकार फिलहाल अपने पूंजीगत व्यय का एक चौथाई से अधिक रक्षा क्षेत्र पर खर्च करती है। माना जा रहा है कि वर्ष 2019-20 में रक्षा क्षेत्र का पूंजीगत आवंटन 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 1,04,973 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसका मतलब है कि अगले दो वर्षो में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में खासी वृद्धि होगी। यह वृद्धि ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन के मध्य सीमा संबंधी मुद्दों को लेकर तनाव की स्थिति है। रेलवे, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग के पूंजीगत आवंटन में भी खासी वृद्धि के आसार हैं।

नोटबंदी और जीएसटी से बढ़ेगा टैक्स-जीडीपी अनुपात

वित्त मंत्रालय ने इस दस्तावेज में यह अनुमान भी व्यक्त किया है कि वस्तु एवं सेवा कर लागू होने तथा नोटबंदी के बाद निगरानी बढ़ने से अलग दो वर्षो में टैक्स-जीडीपी अनुपात में हर साल 30 आधार अंक की वृद्धि होगी। इस तरह वित्त वर्ष 2018-19 में टैक्स जीडीपी अनुपात बढ़कर 11.6 प्रतिशत तथा 2019-20 में 11.9 प्रतिशत होने का अनुमान है जबकि फिलहाल यह 11.3 प्रतिशत है।

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