केंद्रीय कृषि मंत्री ने NDDB के शहद परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने डेयरी किसानों के लिए एनडीडीबी की हाई-टेक शहद परीक्षण प्रयोगशाला और मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने डेयरी किसानों के लिए एनडीडीबी की हाई-टेक शहद परीक्षण प्रयोगशाला और मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया है।
इस दौरान को अतिथि के रूप में मछली पालन, पशुपालन और डेयरी के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पुरुषोत्तमभाई रूपाला, संघ कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री; डॉ संजीव कुमार बाल्यान, केंद्रीय राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी; कैलाश चौधरी, केंद्रीय किसान कल्याण, कृषि और कृषि राज्य मंत्री ; मितेशभाई पटेल, संसद सदस्य (लोकसभा), आनंद; संजय अग्रवाल, सचिव, कृषि और किसान कल्याण, भारत सरकार; दिलीप रथ, अध्यक्ष, NDDB और मीनेश शाह, कार्यकारी निदेशक, एनडीडीबी भी मौजूद रहे।
NDDB संबधित गतिविधियों के माध्यम से डेयरी किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विश्व स्तरीय शहद परीक्षण सुविधा अपनी बहु-अनुशासनात्मक प्रयोगशाला के भाग के रूप में आया है - CALF। यह देश में एकमात्र मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला है जो प्रामाणिकता के आधार पर एफएसएसएआई के 1 जुलाई 2020 के नवीनतम विनियमन के अनुसार शहद के नमूने का परीक्षण कर सकता है। परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरणों और गीले रासायनिक विश्लेषण का उपयोग करके परीक्षण किया जाता है। यह NABL मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला ही कर सकता है बीआईएस, एजीएमआरके, कोडेक्स मानकों और अवशेष निगरानी योजना (आरएमपी) की आवश्यकता के अनुसार शहद का भी परीक्षण कर निर्यात निरीक्षण परिषद कीटनाशकों, एंटीबायोटिक दवाओं, भारी धातुओं और गीले रासायनिक परीक्षण को कवर करती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने NDDB के साथ सहयोग करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को बधाई दी और गुजरात के आनंद में विश्व स्तरीय शहद परीक्षण सुविधा की सफलतापूर्वक स्थापना हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें इसकी जरूरत है मधुमक्खी पालन के लाभों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, इसकी खेती से किसानों की आय पर प्रभाव पड़ेगा और इसके साथ ही शहद उत्पादन से राष्ट्र की जीडीपी में योगदान होना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। इसके तहत 500 करोड़ मधुमक्खी पालन सहित मधुमक्खी पालन से संबंधित बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए आत्मानिर्भर भारत पर जोर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और डेयरी मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन ग्रामीण भारत में रोजगार पैदा करेगा और किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता रखेगा। शहर की मक्खियों का पालना क्रॉस परागण के माध्यम से देश में कृषि और बागवानी फसलों की बढ़ती उपज में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। पौधों की जैव विविधता को बनाए रखने में शहद वाली मक्खियाँ महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि शहद की प्रामाणिकता एक गंभीर मुद्दा बन गया है आपूर्तिकर्ता आर्थिक लाभ के लिए अनैतिक प्रथाओं में लिप्त हैं। NDDB में परीक्षण सुविधा किसानों की मदद करेगी।
श्री दिलीप रथ ने कहा कि एनडीडीबी ने एनबीबी के साथ मिलकर किसानों के लिए वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू किया था। देश में डेयरी सहकारी नेटवर्क का उपयोग करके कृषि मंत्रालय की वित्तीय सहायता और शहद के परीक्षण से संबंधित सभी सुविधाओं और सेवाओं के साथ यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने समय-समय पर शहद उद्योग को बढ़ावा देते रहे है और 'श्वेत क्रांति' की तर्ज पर 'मीठी क्रांति' लाने के लिए डेयरी सहकारी समितियां शहद की समान डेयरियों के लिए मूल्य श्रृंखला स्थापित कर सकती हैं। बनासकांठा (गुजरात), सुंदरवन के दुग्ध संघ (पश्चिम बंगाल) और मुजफ्फरपुर (बिहार) शहद की खरीद और विपणन के लिए अपने बुनियादी ढांचे का उपयोग कर रहे हैं और बनास, सुधा और सुंदरिनी ब्रांड अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण शहद उपलब्ध करा रहे हैं। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन के तहत हनी मिशन, आत्मनिर्भर भारत NDDB का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है।