कुंभ मेले को यूनेस्को ने दी सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता

उपलब्धि-‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ सूची में किया शामिल, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने एक ट्वीट में कहा, हमारे लिए यह गर्व का क्षण

By Srishti VermaEdited By: Publish:Fri, 08 Dec 2017 09:36 AM (IST) Updated:Fri, 08 Dec 2017 09:36 AM (IST)
कुंभ मेले को यूनेस्को ने दी सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता
कुंभ मेले को यूनेस्को ने दी सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता

नई दिल्ली (आइएएनएस/प्रेट्र्र)। हिंदुओं की धार्मिक आस्था के केंद्र कुंभ मेले को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि पर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमारे लिए यह गर्व का क्षण है कि पावन कुंभ मेले को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में जगह दी गई है।’

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र के संगठन यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए गठित अंतर सरकारी समिति ने कुंभ मेले को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ सूची में शामिल किया है। इस समिति की इस समय दक्षिण कोरिया के जेजू में बैठक चल रही है। इस सूची में योग और नवरोज को पहले ही जगह मिल चुकी है।

यूनेस्को ने कहा कि कुंभ मेला इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है। इसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। अंतर सरकारी समिति ने एक बयान में कहा, ‘कुंभ मेला धार्मिक उत्सव के तौर पर सहिष्णुता और समग्रता को दर्शाता है। यह खासतौर पर समकालीन दुनिया के लिए अनमोल है।’ कुंभ मेले को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम के तौर पर समझा गया है। कुंभ मेले को बोस्तवाना, कोलंबिया, वेनेजुएला, मंगोलिया, मोरक्को, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात की धरोहरों के साथ सूची में शामिल किया गया है।

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