केंद्र को पाक ध्वज का सम्मान करना चाहिए : मुस्तफा कमाल

नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चाचा डॉ. मुस्तफा कमाल ने बुधवार को एक और विवाद पैदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी झंडों के लहराने पर इतना शोर क्यों, पाकिस्तान तो 1947 से ही कश्मीरियों की जिंदगी का एक हिस्सा ही बन चुका है। केंद्र

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2015 08:44 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2015 03:37 AM (IST)
केंद्र को पाक ध्वज का सम्मान करना चाहिए : मुस्तफा कमाल

जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चाचा डॉ. मुस्तफा कमाल ने बुधवार को एक और विवाद पैदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी झंडों के लहराने पर इतना शोर क्यों, पाकिस्तान तो 1947 से ही कश्मीरियों की जिंदगी का एक हिस्सा ही बन चुका है। केंद्र सरकार को पाकिस्तान के राष्ट्रध्वज का सम्मान करना चाहिए।

यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी 1947 से पहले हिंदुस्तान का हिस्सा था। जब तक भारत-पाक मिलकर कश्मीर समस्या को हल नहीं करेंगे, कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे नजर आते रहेंगे। नेकां के अतिरिक्त महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार क्यों कश्मीर में पाकिस्तानी झंडों को लेकर उत्तेजित होती है। उसे अपने पड़ोसी के कौमी झंडे का मान करना चाहिए। पाकिस्तानी झंडों के लहराने से क्या फर्क पड़ता है। यहां कुछ लोग जानबूझकर ही यह झंडे लहराते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि इन पर नई दिल्ली में क्या प्रतिक्रिया होगी।


पूर्व मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए दोनों को एक दूसरे के राष्ट्रध्वज का सम्मान करना चाहिए। पाकिस्तान का ध्वज हो या हिंदुस्तान का झंडा या फिर जम्मू कश्मीर का झंडा, सभी की प्रतिष्ठा है। पाकिस्तानी झंडों को लहराने वालों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यहां कई तत्व हैं। जम्मू कश्मीर में अमन के दुश्मन भी हो सकते हैं, पाकिस्तान के साथ सहानुभूति रखने वाले भी और केंद्र सरकार भी इस आरोप से नहीं बच सकती।

उधर, नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तानी झंडे और कश्मीर के साथ पाकिस्तान के रिश्ते को लेकर दिए गए अपने चाचा डॉ. मुस्तफा कमाल के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के बयानों से शर्मिंदगी होती है। किसी भी व्यक्ति से जो राज्य विधानसभा का सदस्य विशेषकर मंत्री पद पर भी रहा हो, ऐसी टिप्पणियों की उम्मीद नहीं की जाती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुस्तफा कमाल ने जो कहा कि वह उनकी अपनी निजी राय है। राज्य के उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि डॉ. मुस्तफा कमाल सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की बातें करते हैं।

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