त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामला : 100 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज

त्रिपुरा पुलिस ने हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मामले में 102 ट्विटर अकाउंट्स के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया है। मामले की जांच अब त्रिपुरा पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 04:07 PM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 04:07 PM (IST)
त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामला : 100 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज
त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामले में 100 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स पर केस दर्ज।

अगरतला, एएनआइ। त्रिपुरा पुलिस ने हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मामले में 102 ट्विटर अकाउंट्स के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया है। मामले की जांच अब त्रिपुरा पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी। त्रिपुरा पुलिस पीआरओ ज्योतिष्मान डी चौधरी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पानीसागर में हुई हालिया हिंसा से संबंधित फर्जी और विकृत जानकारी फैलाने के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

त्रिपुरा पुलिस पीआरओ ज्योतिष्मान डी चौधरी ने आगे कहा कि इस मामले की जांच पहले पुलिस कर रही थी। अब इसे त्रिपुरा पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस इन ट्विटर अकाउंट्स के यूजर्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इस महीने की शुरुआत में, राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की विभिन्न घटनाओं के सिलसिले में राज्य पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था और दो धार्मिक समूहों के बीच नफरत पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाने के मामले में कई लोगों पर केस दर्ज किया गया था।

त्रिपुरा के महानिरीक्षक (आईजी) कानून और व्यवस्था प्रभारी सौरभ त्रिपाठी ने पिछले महीने कहा था कि कुछ राष्ट्र-विरोधी और अराजक तत्वों द्वारा त्रिपुरा के पानीसागर में हुई हिंसा को लेकर नकली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किए जा रहे थे। उन्होंने कहा था कि त्रिपुरा में किसी भी मस्जिद में आग की कोई घटना नहीं हुई। पुलिस ने विशिष्ट शिकायतें दर्ज की हैं और जो कुछ भी हुआ था उस पर जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण अभियान के संबंध में मामले भी दर्ज किए गए थे।

इससे पहले, उत्तरी रेंज के डीआईजी लल्हिमंगा डारलोंग ने भी कहा था कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही थीं, जिससे दो धार्मिक समुदायों के बीच तनाव फैल सकती थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विरोध में जुलूस निकालने के दौरान कुछ उपद्रवियों ने हिंसा की।

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