टॉप कमांडर शंकर राव और ललिता ढेर, 29 नक्सली भी मारे गए; सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ में ऐसे दिया सबसे बड़े एनकाउंटर को अंजाम

छ्त्तीसगढ़ के कांकेर जिले के हापाटोला जंगल में जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया है।मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर और 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल है। एक और नक्सली कमांडर राजू भी मारा गया है। डीआईजी इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया की किस तरह इस एनकाउंटर को अंजाम दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar Publish:Wed, 17 Apr 2024 08:18 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 08:24 AM (IST)
टॉप कमांडर शंकर राव और ललिता ढेर, 29 नक्सली भी मारे गए; सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ में ऐसे दिया सबसे बड़े एनकाउंटर को अंजाम
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के हापाटोला जंगल में जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया।(फोटो सोर्स: जागरण)

HighLights

  • एनकाउंटर में नक्सलियों का टॉप कमांडर शंकर राव ढेर
  • नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे: अरुण साव
  • बस्तर में पहले चरण में लोकसभा चुनाव होना है

जेएनएन, कांकेर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध अब तक हुई सबसे बड़ी कार्रवाई में कांकेर जिले के हापाटोला जंगल में जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। मंगलवार को बीएसएफ और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 1,000 से अधिक जवानों ने 50 से 60 नक्सलियों को जंगल में घेर कर इस अभियान को अंजाम दिया है।

मारे गए कई नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हुई है, पर घटनास्थल से मिले हथियार से पता चलता है कि कई बड़े नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर और 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल है। एक और नक्सली कमांडर राजू भी मारा गया है।

 मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है। वहीं, डीआरजी के दो जवान भी घायल हुए हैं। तीनों को बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से रायपुर भेजा गया है। बता दें कि बस्तर में पहले चरण में लोकसभा चुनाव होना है।

बीएसएफ को मिली पुख्ता जानकारी, फिर हुई कार्रवाई

इस एनकाउंटर की जानकारी देते हुए डीआईजी इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया की काफी दिनों से नक्सल कमांडर की इलेक्शन को लेकर का कांकेर की सिचवेशन को लेकर सेंट्रल कमेटी और सब जोनल कमेटी की कमांडर की मूवमेंट की खबर मिल रही थी इसके लिए पुलिस और बीएसएफ ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे उसी के तहत आज ऑपरेशन प्लान किया था आज हमारे पास बीएसएफ के पुख्ता जानकारी थी।

हमें खबर मिली कि मने बड़ी तादाद में 185 के करीब एक जगह और 200 के करीब एक जगह नक्सली को ऑपरेट कराया जा रहा था। हमें यह भी जानकारी मिली कि  शंकर राव और दूसरे सीनियर सेंट्रल कमांडर रामवेद की मौजूदगी है।

बीएसएफ कमांडो प्लाटून जो पूर्व दिशा से नक्सलियों से अटैक किया जिसमे बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए नक्सलियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। दूसरे नाले की तरफ से डीआरजी की टीम ने घेर रखा था जिसमे ये नक्सली मारे गए है।

#WATCH | "Bodies of 18 naxals recovered from encounter site in Chhotebethiya of Kanker. 3 jawans were injured in the operation. Search operation underway. This can be seen as one of the biggest anti-naxal operations in the area. The operation was launched after information of the… pic.twitter.com/7YeUxEzoq5— ANI (@ANI) April 16, 2024

नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे: अरुण साव

यह मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है, पहले चरण (19 अप्रैल) में बस्तर में जब तीन दिन बाद मतदान होना है। बता दें, 14 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी कहा कि गृह मंत्री के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार ऑपरेशन मोड में

है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जा सकती। नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे। राज्य में नक्सली गतिविधियों पर लगाम के लिए डीआरजी की स्थापना 2008 में की गई थी। वहीं संवेदनशील इलाकों में सरकार ने बीएसएफ की भी तैनाती कर रखी है।

बीजापुर में मारे गए थे 13 नक्सली

इससे पहले, दो अप्रैल को बीजापुर जिले के जंगल में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार प्रदेश को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की सुख शांति के लिए नक्सलियों से वार्ता और मुख्यधारा में वापसी के लिए रास्ते अभी भी खुले हैं।

बड़ी सफलता

बस्तर के आइजी पी सुंदरराज तथा बीएसएफ के डीआइजी आलोक कुमार सिंह ने नक्सल विरोधी अभियान में इसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्होंने बताया कि थाना छोटेबेठिया से लगभग 14-15 किमी दूर डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों से सात एके 47, तीन लाइट मशीन गन (एलएमजी) और इंसास रायफल भी मिली है।

कांकेर के एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसा के लिए महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नक्सलियों की बैठक की सूचना के आधार पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की गई। नक्सलियों ने जवाबी हमला किया, लेकिन उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे की तरफ भागने को मजबूर होना पड़ा। जवानों को इसका लाभ मिला और उन्हें ढेर कर दिया।

10 अप्रैल को हुई थी उच्च स्तरीय बैठक

नौ और 10 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे के दौरान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए रायपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 10 राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ आनलाइन बैठक भी की थी।

उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया ऑपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खुफिया सूचना पर कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर के मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

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