सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों ने संभाला काम

जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिंग्टन नरीमन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। मुख्य न्यायाधीश ने तीनों नवनियुक्त जजों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा समेत जजों की संख्या 27 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम स्वीकृत संख्या 31 है।

By Edited By: Publish:Mon, 07 Jul 2014 11:16 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jul 2014 07:31 PM (IST)


सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों ने संभाला काम

नई दिल्ली। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिंग्टन नरीमन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। मुख्य न्यायाधीश ने तीनों नवनियुक्त जजों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा समेत जजों की संख्या 27 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम स्वीकृत संख्या 31 है।

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले जस्टिस अरुण मिश्रा (59) और जस्टिस एके गोयल (61) क्रमश: कलकत्ता और उड़ीसा हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस मिश्रा 1986-96 तक जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के विधि संकाय से जुड़े रहे। अक्टूबर, 1999 में उन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पहले अतिरिक्त और 2001 में स्थायी जज नियुक्त किया गया था। उन्हें 2010 में राजस्थान हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया, जहां से उन्हें दिसंबर, 2012 में कलकत्ता हाई कोर्ट स्थानांतरित किया गया। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल तकरीबन सात वर्ष का होगा।

जस्टिस गोयल को सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया था। दो साल बाद उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया। दिसंबर, 2011 में जस्टिस गोयल को गुवाहाटी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और गत वर्ष अक्टूबर में उनका तबादला उड़ीसा हाई कोर्ट में किया गया। 58 वर्षीय जस्टिस नरीमन सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त गया है। सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस नरीमन सुप्रीम कोर्ट का जज बनने वाले पांचवें वकील हैं। उनका कार्यकाल तकरीबन सात वर्ष का होगा।

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