फ्रांस से सीधी उड़ान भरकर भारत पहुंचे 3 और राफेल लड़ाकू विमान, यूएई में हवा में ही भरवाया ईंधन

भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी है कि फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से सीधे उतरने के बाद थोड़ी देर पहले तीन और लड़ाकू विमान राफेल भारत पहुंचे। यूएई वायु सेना ने नॉन स्टॉप फेरी के दौरान विमान को हवा में ही ईंधन भरवाया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 08:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:12 PM (IST)
फ्रांस से सीधी उड़ान भरकर भारत पहुंचे 3 और राफेल लड़ाकू विमान, यूएई में हवा में ही भरवाया ईंधन
फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से सीधे उतरने के बाद थोड़ी देर पहले तीन और लड़ाकू विमान राफेल भारत पहुंचे

 नई दिल्ली, प्रेट्र। फ्रांस से तीन राफेल लड़ाकू विमान और भारत पहुंच गए हैं। फ्रांस से मिलने वाली राफेल विमानों की यह सातवीं खेप है। इन विमानों के आने से वायु सेना की मारक क्षमता और मजबूत हो गई है। इन विमानों को भारतीय वायु सेना के दूसरे स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा, जिसे चीन की सीमा के करीब बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर बनाया गया है।

राफेल विमानों का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन में है। एक स्क्वाड्रन में करीब 18 लड़ाकू विमान होते हैं। इन तीन विमानों के आने के साथ ही फ्रांस से अब तक 24 राफेल विमान मिल चुके हैं। दोनों देशों के बीच हुए सौदे के तहत भारत को कुल 36 राफेल विमान मिलने हैं।

फ्रांस से उड़ान भरने के बाद इन विमानों ने आठ हजार किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय की। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वायु सेना ने रास्ते में हवा में ही इन विमानों को ईंधन उपलब्ध कराया। इसके लिए भारतीय वायु सेना ने यूएई वायु सेना का आभार जताया है। 

भारतीय वायु सेना (आइएएफ) के राफेल लड़ाकू विमान के आने से दूसरी स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। इसे बंगाल के हाशिमारा वायु सेना अड्डे पर तैनात किया जाएगा। राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायु सेना स्टेशन पर तैनात है।

पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी। इससे लगभग चार साल पहले भारत ने करीब 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किया था। वर्तमान में वायु सेना के पास 3 और विमानों के आने से इनकी संख्‍या 24 हो गई। शेष विमान 2022 तक आने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने बताया कि पहली स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी। दूसरी स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी। फ्रांस निर्मित पांच राफेल लड़ाकू विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में हुए एक समारोह में वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। बाद में विमानों की और खेप भी भारत पहुंची थी। 

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