सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, 'क्या कोई आंकड़ा हैं कि कितने लोग आधार के कारण लाभ से वंचित'

सीईओ ने कहा कि आधार का बायोमेट्रिक अथेंटीकेशन न होने के बावजूद किसी को भी लाभ से वंचित नहीं किया जाता और इसे सुनिश्चित करने के संबंधित विभागों और मंत्रालयों को निर्देश हैं।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Thu, 22 Mar 2018 09:07 PM (IST) Updated:Thu, 22 Mar 2018 09:52 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, 'क्या कोई आंकड़ा हैं कि कितने लोग आधार के कारण लाभ से वंचित'
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, 'क्या कोई आंकड़ा हैं कि कितने लोग आधार के कारण लाभ से वंचित'

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आधार की कार्यशैली और तकनीकी पहलुओं के साथ लाभ समझा रहे यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पाण्डेय से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसा आंकड़ा है जिससे पता चले कि आधार के कारण कितने लोग लाभ से वंचित रहे। सीईओ ने कहा कि आधार का बायोमेट्रिक अथेंटीकेशन न होने के बावजूद किसी को भी लाभ से वंचित नहीं किया जाता और इसे सुनिश्चित करने के संबंधित विभागों और मंत्रालयों को निर्देश हैं। हालांकि उन्होंने माना कि इस बारे में आंकड़ा नहीं है। पाण्डेय ने कहा कि हर समस्या आधार से जुड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार में सौ फीसद बायोमेट्रिक अथेन्टीकेशन संभव नहीं है इसमें आधा फीसद की कहीं कोई कमी रह सकती है लेकिन इसके लिए वैकल्पिक अथेन्टीकेशन व्यवस्था है जैसे मोबाइल पर ओटीपी और ई-केवाईसी अथेन्टीकेशन होता है।

यूआईडीएआई के सीईओ ने ये बात गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पीपीटी पेश करते हुए कही। कोर्ट की इजाजत से अजय भूषण पाण्डेय ने डेढ़ घंटे का पीपीटी प्रजेन्टेशन दिया जो मंगलवार को भी ये जारी रहेगा।

कोर्ट ने जब पूछा कि क्या आंकड़ा है कि कितने लोग लाभ लेने से वंचित रहे। पाण्डेय ने कहा कि ऐसा तो आंकड़ा नहीं है लेकिन आधार न होने पर किसी को लाभ से वंचित नहीं किया जाता। हर चीज आधार से जुड़ी नहीं है बाकी चीजें सरकार देख रही है। इस बीच एएसजी तुषार मेहता ने ने धीरे से पाण्डेय को समझाया कि वे कोर्ट से कहें आधार इज राइट मैन इज रांग।

आधार का सिस्टम डीकोड करने में लगेगा अनंत समय

पाण्डेय ने आधार के डेटा और पूरे सिस्टम की सिक्योरिटी का हवाला देते हुए कहा कि तीन अंकों का लाक सिस्टम होता है और उसे ब्रेक करने में धरती पर उपलब्ध तीन सुपर कंप्यूटरों को भी अनंत काल (एज आफ यूनीवर्स लगेगें) लगेंगे।

बायोमेट्रिक के अलावा अथेन्टीकेशन की वैकल्पिक व्यवस्था भी है

कोर्ट के सवाल पर बताया कि बायोमेट्रिक अथेन्टीकेशन फेल होने पर अथेन्टीकेशन के वैकल्पिक तरीके भी हैं। जैसे पंजीकृत फोन नंबर पर व्यक्ति को ओटीपी आता है और उससे अथेन्टीकेशन होता है। इसके अलावा ई-केवाईसी सिस्टम भी है।

आधार का डाटा साझा नहीं होता आधार का डाटा सीआइडीआर के पास उसके सर्वर पर सुरक्षित रहता है और ये किसी से साझा नहीं किया जाता। बायोमेट्रिक अथेन्टीकेशन में भी अंतिम छोर पर सरकारी एजेंसी ही अथेन्टीकेट करती है। इसके अलावा यूआईडीएआई को ये मालूम नहीं होता कि कहां से किसने और किस काम के लिए अथेन्टीकेशन कराया है।

नहीं लीक हो सकता बायोमेट्रिक डेटा

कहा कि बायोमेट्रिक डेटा लीक होने की कोई गुंजाइश नहीं है। साफ्टवेयर सरकार का है और सरकार के ही सर्वर पर काम होता है। सिर्फ बायोमेट्रिक मैचिंग साफ्टवेयर बाहर से खरीदा गया है लेकिन मैचिंग के लिए बायोमेट्रिक ब्योरा भेजे जाते समय व्यक्ति का नाम व अन्य पहचान नहीं बताई जाती बायोमेट्रिक डेटा रिफरेंस नंबर के साथ भेजा जाता है। मैचिंग के बाद वापस आने पर उसका मैनुअली कोडीफिकेशन होता है। सरकार के सर्वर को इंटरनेट से भी नहीं जोड़ा गया है ताकि हैकिंग की गुंजाइश न रहे।

भ्रष्टाचार के कारण बंद किये 49000 केन्द्र

आधार में सरकार जीरो टालरेंस पर चल रही है। 49000 पंजीकरण केन्द्रों को भ्रष्टाचार और लोगों को सताने की शिकायतों पर बंद किया गया है। आधार मुफ्त बनता है लेकिन कुछ लोग उसके लिए 300 रुपये तक ले रहे थे। इसके अलावा कुछ लोग गलत प्रविष्टियां या तो लापरवाही या फिर लोगों परेशान करने के लिए करते थे।

आधार से मिला राष्ट्रीय पहचान पत्र

आधार के पहले व्यक्ति के पास ऐसा कोई पहचान पत्र नहीं था जिससे वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान साबित कर सके। आधार से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पत्र मिला है और आन लाइन पहचान प्रमाणित हो सकती है।

एक जुलाई से आधार मे चेहरा भी होगा पहचान

आधार में जो लोग बायोमेट्रिक देने में बीमारी या किसी अन्य कारण से असमर्थ हैं उनका नाम और ब्योरा दर्ज कर उन्हें अपवाद में शामिल किया जाता है। उस व्यक्ति को भी आधार नंबर जारी होगा। आधार कार्ड पर एक क्यूआर कोड होता है उससे भी पहचान साबित होती है। इसके अलावा एक जुलाई से आधार का अथेन्टीकेशन में चेहरा भी शामिल किये जाने पर काम चल रहा है।

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