सुप्रीम कोर्ट ने कहा-धर्म के नाम पर हत्या नहीं की जा सकती, अदालतों को भी दी हिदायत

सुप्रीम कोर्ट ने घृणास्पद अपराध पर सख़्त चेतावनी देते हुए कहा है कि धर्म के नाम पर हमला या हत्या नही की जा सकती।

By Arti YadavEdited By: Publish:Thu, 15 Feb 2018 12:35 PM (IST) Updated:Thu, 15 Feb 2018 12:43 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा-धर्म के नाम पर हत्या नहीं की जा सकती, अदालतों को भी दी हिदायत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा-धर्म के नाम पर हत्या नहीं की जा सकती, अदालतों को भी दी हिदायत

नई दिल्ली,माला दीक्षित। सुप्रीम कोर्ट ने धर्म के नाम पर की जाने वाली हिंसा की कड़ी निंदा की है। कोर्ट ने घृणास्पद अपराध पर सख़्त चेतावनी देते हुए कहा है कि धर्म के नाम पर हमला या हत्या नही की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से भी कहा है कि वे अपने आदेश में ऐसी कोई टिप्पणियां न करें जो किसी समुदाय के पक्ष या खिलाफ में जाती प्रतीत हो।

सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें पुणे मर्डर केस में तीन आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा। पुणे हाइकोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत का आदेश दिया था जिसे उच्च न्यायलय ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसे दोबारा विचार करने के लिए हाईकोर्ट के पास वापस भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत देते हुए कहा कि मामलों पर सुनवाई करते समय अदालतों को देश के बहुलतावादी समाज का ध्यान रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म के नाम पर किसी पर हमला या हत्या को सही नही ठहराया जा सकता।

बता दें कि तीनों आरोपी हिंदी राष्ट्र सेना के सदस्य थे, इन्होंने 2014 में एक मुसलमान को मार डाला था, जिसने हरी टीशर्ट पहनी थी और दाढ़ी रखी थी। हाईकोर्ट ने हत्या के अभियुक्तों को जमानत देते हुए अपने आदेश मे कहा था कि अभियुक्तों की मृतक से कोई निजी दुश्मनी नही थी। मृतक का क़ुसूर सिर्फ इतना था वह दूसरे धर्म का था। धर्म के नाम पर उन्हें मारने के लिए उकसाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने हो सकता है कि अपराध के पीछे अभियुक्तों का निजी दुश्मनी न होना बल्कि धार्मिक नफ़रत होने की बात दर्ज करते हुए अपना फैसला सुनाया हो। जज का किसी समुदाय की भावनाएँ आहत करने का इरादा नही होगा लेकिन टिप्पणी आलोचनाओं को बल देती है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सरेंडर करने का आदेश दिया है और 16 फरवरी को फिर हाजिर होने को कहा है।

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