..जब मौत के खौफ से कांप उठा था अफजल

मौत बांटने वाले भी कभी अपने ही अंत से डर जाते हैं। हां ऐसा ही हाल देश के लोकतंत्र के मंदिर पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु का हुआ था। जब उसे टीवी पर मुंबई हमले के सबसे बड़े दोषी अजमल आमिर कसाब की फांसी की बात पता चली थी तो अफजल गुरु के चेहरे का रंग ही उड़ गया था, उसके माथे पर शिकन दिखाई देने लगी थी। इससे भी बुरा हाल तो 1

By Edited By: Publish:Sat, 09 Feb 2013 09:18 AM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2013 10:35 AM (IST)
..जब मौत के खौफ से कांप उठा था अफजल

नई दिल्ली। मौत बांटने वाले भी कभी अपने ही अंत से डर जाते हैं। हां ऐसा ही हाल देश के लोकतंत्र के मंदिर पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु का हुआ था। जब उसे टीवी पर मुंबई हमले के सबसे बड़े दोषी अजमल आमिर कसाब की फांसी की बात पता चली थी तो अफजल गुरु के चेहरे का रंग ही उड़ गया था, उसके माथे पर शिकन दिखाई देने लगी थी। इससे भी बुरा हाल तो 1993 में दिल्ली में यूथ कांग्रेस कार्यालय के बाहर बम विस्फोट करने वाला देवेंद्र सिंह भुल्लर का हुआ था। वह जेल में ही अपनी मौत के खौफ से बीच-बीच में चिल्लाने लगता था।

एक लंबी खींचतान के बाद आखिरकार देश के लोकतंत्र के मंदिर पर बुरी नजर डालने वाले अफजल गुरु को फांसी दे दी गई। अजमल कसाब के बाद अफजल गुरु की भी कहानी आज खत्म हो गई। लेकिन अफजल गुरु के मामले को अंजाम देने में सरकार को काफी वक्त लगा। जब मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब की फांसी की खबर ने तिहाड़ जेल में बंद अफजल गुरु के चेहरे का रंग उड़ा दिया था। अफजल को अपने मौत का खौफ रह-रह कर सताने लगा था।

कसाब के बाद अफजल अब तीसरा कौन यह सवाल कहीं न कहीं उठने लगे हैं। हालांकि अब तक आतंकी संगठन बब्बर खालसा से संबंध रखने वाले देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। बताया जाता है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज हो चुकी है। मौत बांटने वाला भुल्लर आज खुद के सामने मौत देखकर इस कदर खौफजदा है कि अक्सर चिल्ला उठता है। मौत के डर ने उसे मानसिक रोगी बना दिया है। बीमारी के कारण ही वह मौत से दूर है। उसका दिल्ली के मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान अस्पताल में इलाज चल रहा है।

अस्पताल में भुल्लर अक्सर चिल्ला पड़ता है, जल्लाद आ रहे हैं, मुझे फांसी पर लटका देंगे। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने अदालत व तिहाड़ प्रशासन को अवगत करा दिया है कि भुल्लर की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। डॉक्टर परेशान हैं कि उसकी बीमारी को किस रूप में लें।

वर्ष 1993 में भुल्लर ने यूथ कांग्रेस कार्यालय के बाहर बम विस्फोट किया था। इसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च, 2002 को भुल्लर को फांसी की सजा सुनाई थी।

तिहाड़ जेल प्रवक्ता सुनील गुप्ता का कहना है कि कसाब को फांसी की खबर टेलीविजन पर देखने के बाद अफजल के चेहरे पर शिकन देखी गई थी, लेकिन उसकी दिनचर्या सामान्य रही।

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