Tata-Mistry Case: सीजेआइ ने बताया, बेटे ने लड़ा है ग्रुप की कंपनी का केस; वकीलों ने कहा...
टाटा-मिस्त्री केस की सुनवाई कर रहे सीजेआइ शरद अरविंद बोबडे ने कोर्ट में बताया कि उनके बेटे ने दो साल तक एसपी ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी का प्रतिनिधित्व किया है। इस पर वकीलों ने कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। टाटा-मिस्त्री केस की सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) शरद अरविंद बोबडे ने सोमवार को बताया कि उनके वकील बेटे श्रीनिवास बोबडे ने झुग्गी पुनर्विकास मामले में करीब दो साल के लिए शापूरजी पालोनजी (एसपी) ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी का प्रतिनिधित्व किया है।
शीर्ष अदालत अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ टाटा संस और साइरस इंवेस्टमेंट की अपीलों पर सुनवाई कर रही थी। एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद पर बहाल कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने टाटा ग्रुप और एसपी ग्रुप की ओर से पेश वकीलों से पूछा किया क्या उन्हें यह तथ्य उजागर होने पर कोई आपत्ति है। टाटा ग्रुप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और एसपी ग्रुप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कहा कि उन्हें प्रधान न्यायाधीश की पीठ द्वारा इस मामले की सुनवाई करने पर कोई आपत्ति नहीं है।
साल्वे ने कहा कि उसी मामले में वह भी पेश हुए थे। सुंदरम ने भी साल्वे से सहमति जताते हुए कहा कि वे सभी उसी कंपनी या अन्य के लिए पेश हो चुके हैं और उन्हें भी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है। इस पर सीजेआइ ने कहा कि इन दिनों ऐसे मामले बाद में समस्या पैदा करते हैं। बाद में उन्होंने सभी वकीलों की अनापत्ति को रिकार्ड पर दर्ज भी किया।
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