ढाका हमलाः तारिषी के लिए दो मुस्लिम दोस्तों ने भी दे दी जान

ढाका आतंकी हमले के दौरान मारी गयी भारतीय युवती तारिषी जैन के साथ उसके दो मुस्लिम युवाओं ने कुरान की आयतें जानने के बावजूद मौत को गले लगाना उचित समझा।

By kishor joshiEdited By: Publish:Sun, 03 Jul 2016 11:45 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jul 2016 09:44 AM (IST)
ढाका हमलाः तारिषी के लिए दो मुस्लिम दोस्तों ने भी दे दी जान

एजेंसियां, ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के होली आर्टिजन रेस्त्रां में इंसानियत के दुश्मन दहशतगर्द जब मजहब का फर्क कर कत्लेआम को अंजाम दे रहे थे, तब दो मुस्लिम दोस्तों ने भारतीय युवती तारिषी जैन के साथ मौत को गले लगाना कुबूल किया। रेस्त्रां में घुसे आतंकियों ने 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इनमें से अधिकांश ऐसे थे, जिन्हें कुरान की आयतें नहीं आती थीं। तारिषी के दोनों बांग्लादेशी दोस्तों ने कुरान की आयतें जानने के बावजूद खामोश रहे।

छुट्टी मनाने आई थी तारिषी

तारिषी अमेरिका के बर्कले यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी। वह छुट्टी मनाने ढाका गई थी। हमले के वक्त उसके साथ दो दोस्त भी थे, जो बांग्लादेशी मूल के थे और अमेरिका में ही पढ़ते थे। इनमें 19 वर्षीय अबिनता कबीर बांग्लादेश मूल की थी और अमेरिका के एमरी विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड कॉलेज की छात्रा थी। फराज हुसैन भी अमेरिका के अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। वह भी बांग्लादेश मूल का था।

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कहा था, बचना मुश्किल है

तारिषी के पिता 15-20 साल से बांग्लादेश में गारमेंट का कारोबार कर रहे हैं। दोनों दोस्तों के साथ टॉयलेट में छिपी तारिषी ने उसके पापा को मोबाइल फोन से कहा था कि ये एक-एक कर सबको मार रहे हैं, हमारा बचना भी मुश्किल है।

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ढाका में रहने वाले फीरोजाबाद मूल के गारमेंट कारोबारी संजीव जैन की 18 वर्षीय बेटी तारिषी कैलीफोर्निया विवि से एमबीए कर रही थी और छुट्टियां बिताने परिवार के पास ढाका आई थी। शुक्रवार रात दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में डिनर के लिए गई और कुछ देर बाद ही आतंकी हमला हो गया। शनिवार सुबह तारिषी की मौत की पुष्टि हुई, जिसके बाद फीरोजाबाद में रहने वाले परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार रात परिजनों ने विदेशी मंत्री से बात कर शव भारत लाने की मांग की थी। हालांकि अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के चलते रविवार शाम तक परिजनों को शव नहीं मिल सका था।

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परिजन पहले फीरोजाबाद में अंतिम संस्कार की तैयारी में थे, लेकिन दोपहर बाद कार्यक्रम बदल दिया। गुड़गांव में भी संजीव जैन का फ्लैट है। तारिषी के चाचा अजीत जैन कहते हैं कि फीरोजाबाद तक शव आने में रात होने की आशंका के मद्देनजर अंतिम संस्कार गुड़गांव में होगा।

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