'मोदी सरकार, हमें हिंदी नहीं चाहिए' कहते हुए तमिलनाडु के 85 वर्षीय शख्स ने खुद को लगा ली आग

तमिलनाडु के सलेम में 85 वर्षीय शख्स ने केंद्र सरकार के हिंदी थोपने के विरोध में आत्मदाह कर लिया। इस पर सीएम स्टालिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदी थोपने के खिलाफ लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि केंद्र सरकार के कानों तक हमारी मांग नहीं पहुंचती।

By AgencyEdited By: Publish:Sun, 27 Nov 2022 02:53 AM (IST) Updated:Sun, 27 Nov 2022 02:53 AM (IST)
'मोदी सरकार, हमें हिंदी नहीं चाहिए' कहते हुए तमिलनाडु के 85 वर्षीय शख्स ने खुद को लगा ली आग
हिंदी थोपने के विरोध में तमिलनाडु में शख्स ने किया आत्मदाह

सलेम (तमिलनाडु), एएनआइ। तमिलनाडु के मेट्टुल के पास करुमलाईकूडल के रहने वाले किसान थंगावेल की शनिवार को कथित तौर पर आत्मदाह करने से मौत हो गई। उनकी उम्र 85 वर्ष थी। 

'हमें हिंदी नहीं चाहिए'

थंगावेल सलेम जिले में डीएमके कार्यालय के बाहर हिंदी थोपने को लेकर एक बैनर के साथ प्रदर्शन कर रहे थे, जिस पर लिखा था, 'मोदी सरकार, केंद्र सरकार, हमें हिंदी नहीं चाहिए।'

पेट्रोल डालकर खुद को लगाई आग

खबरों के मुताबिक, थंगावेल ने कथित तौर पर अपने शरीर पर पेट्रोल डाला और खुद को आग लगा ली और करीब 11 बजे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। थंगावेल हिंदी को शिक्षा के माध्यम के रूप में लाने के कथित केंद्र के कदम से व्यथित थे। 

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी थोपने के खिलाफ लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी, जब तक केंद्र सरकार के कानों तक मांग नहीं पहुंचती।

ये भी पढ़ें: Bengal: हिंदी थोपने के मुद्दे पर लड़ाई में एमके स्टालिन को मिला बंगाल की मुख्यमंत्री ममता का साथ, जताया विरोध

तमिलनाडु विधानसभा में हिंदी के खिलाफ प्रस्ताव पेश

इससे पहले अक्टूबर में, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने राज्य विधानसभा में 'हिंदी थोपने' के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली संसदीय राजभाषा समिति द्वारा हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई रिपोर्ट पर आज पूरे देश में बहस हुई। उस रिपोर्ट में की गई कई सिफारिशें तमिलनाडु सहित गैर-हिंदी भाषी राज्यों के लोगों के लिए हानिकारक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किए गए वादे के विपरीत हैं। 

सदन ने व्यक्त की चिंता

प्रस्ताव में कहा गया है, 'यह सदन चिंता व्यक्त करता है कि संसदीय समिति की सिफारिशें, जो अब प्रस्तुत की गई हैं, इस अगस्त सदन में पेरारिग्नर अन्ना द्वारा पेश किए गए और पारित किए गए दो-भाषा नीति प्रस्ताव के खिलाफ हैं, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा गैर- हिंदी भाषी राज्य और राजभाषा पर 1968 और 1976 में पारित प्रस्तावों द्वारा सुनिश्चित राजभाषा के रूप में अंग्रेजी के उपयोग के खिलाफ हैं।'

प्रस्ताव के मुताबिक, 'अब तमिलनाडु को एक बार फिर मातृभाषा तमिल की रक्षा के लिए, अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में रखने के लिए, संविधान की 8 वीं अनुसूची में सभी 22 भाषाओं को संरक्षित करने और गैर-हिंदी भाषी राज्य के लोगों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए सबसे आगे धकेल दिया गया है।'

सिफारिशों का लागू ने करने का आग्रह

प्रस्ताव में कहा गया है, 'यह सदन केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि 9 सितंबर, 2022 को अपने अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रपति को सौंपी गई संसदीय राजभाषा समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लागू न करें, जो तमिल सहित राज्य की भाषाओं के खिलाफ हैं और साथ ही साथ के हितों के खिलाफ हैं। जो लोग उन भाषाओं को बोलते हैं।' इस दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।

क्या है संसदीय पैनल की सिफारिश

तमिलनाडु सरकार के अनुसार, संसदीय पैनल की सिफारिशों में शामिल हैं: केंद्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों जैसे IIT, IIM, AIIMS और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी के बजाय हिंदी शिक्षा का माध्यम होना चाहिए। हिंदी को एक आम भाषा बनाने के लिए तकनीकी और गैर-तकनीकी शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय विद्यालयों सहित केंद्र सरकार के सभी शिक्षण संस्थानों में हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाया जाना चाहिए।

राज्य सरकार ने कहा कि संसदीय पैनल की सिफारिश में यह भी कहा गया है कि युवाओं के रोजगार में अनिवार्य पेपर से अंग्रेजी भाषा को हटाकर केवल हिंदी को प्राथमिकता दी जाए।

स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं। पत्र में उन्होंने कहा कि सिफारिशों को स्वीकार या लागू नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ और हमारे देश की बहुभाषी संरचना के लिए हानिकारक हैं।

ये भी पढ़ें: हीट-डिटेक्टिंग कैमरे से चोरी हो सकता है पासवर्ड, जानिए क्या हैं बचने के तरीके

ये भी पढ़ें: Fact Check: झारखंड में लड़की पर चाकू से हमले की पुरानी घटना का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ फिर से वायरल

chat bot
आपका साथी