तमिलनाडु में भारी बारिश से हालात चिंताजनक, कई इलाकों में जारी की गई बाढ़ की चेतावनी

Chennai Flood तमिलनाडु जल संसाधन विभाग ने शुरुआती अलर्ट जारी करते हुए तिरुवल्लुर जिला प्रशासन से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और निवासियों को सतर्क करने के लिए कदम उठाने को कहा है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 02:24 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 02:24 PM (IST)
तमिलनाडु में भारी बारिश से हालात चिंताजनक, कई इलाकों में जारी की गई बाढ़ की चेतावनी
चेन्नई के उपनगरों में लोगों को बाढ़ की चेतावनी दी गई। (फाइल फोटो)

चेन्नई, पीटीआइ। तमिलनाडु के कई इलाकों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों ने तिरुवल्लुर जिले में कोसस्थलैयार नदी के तट के करीब रहने वाले लोगों के लिए रविवार को प्रारंभिक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यहां के निकट पूंडी जलाशय लगभग अपनी अधिकत्म क्षमता तक पहुंच गया है।

तमिलनाडु जल संसाधन विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बारिश के कारण बढ़ते जल प्रवाह को देखते हुए रविवार दोपहर दो बजे से 1,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा और यदि इसके प्रवाह में वृद्धि जारी रही तो अतिरिक्त मात्रा में पानी छोड़ा जाएगा।

डब्ल्यूआरडी ने शुरुआती अलर्ट जारी करते हुए तिरुवल्लुर जिला प्रशासन से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और निवासियों को सतर्क करने के लिए कदम उठाने को कहा है। नंबक्कम और कृष्णापुरम और चेन्नई के उपनगरों जैसे एन्नोर और मनाली सहित तिरुवल्लुर जिले के अंतर्गत आने वाले गांवों का एक समूह, डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में शामिल है।

चेन्नई के लिए पानी की आपूर्ति करने वाले महत्वपूर्ण सत्यमूर्ति सागर जलाशय, जिसे लोकप्रिय रूप से पूंडी जलाशय (34.58 वर्ग किलोमीटर) के रूप में जाना जाता है, तिरुवल्लूर जिले में स्थित है। बांध की ऊंचाई (जल भंडारण स्तर) 35 फीट है और कुल क्षमता 3,231 मिलियन क्यूबिक फीट है। रविवार की स्थिति के अनुसार, जल स्तर 33.95 फीट है और क्षमता 2,807 एमसीएफटी को छू गई है।

मौसमी बारिश के कारण जैसे-जैसे जल प्रवाह बढ़ता है, जलाशय का भंडारण तेजी से बढ़ रहा है। चूंकि यह उम्मीद की जाती है कि भंडारण 34 फीट तक पहुंच जाएगा, इसलिए बांध की सुरक्षा को नियमों के अनुसार देखते हुए, एहतियात के तौर पर अधिशेष पानी के निर्वहन की योजना बनाई गई है। यदि अंतर्वाह में वृद्धि जारी रही, तो अतिरिक्त अधिशेष पानी (प्रस्तावित 1,000 क्यूसेक से अधिक) का चरणबद्ध निर्वहन किया जाएगा।

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