छठी कक्षा के प्रश्नपत्र में क्या अनुसूचित जाति अछूत हैं के सवाल पर मचा बवाल

द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा केंद्रीय विद्यालय की छठी कक्षा में पूछे गए सवाल को देखकर स्तब्ध हूं। यह सवाल जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 08 Sep 2019 06:53 PM (IST) Updated:Sun, 08 Sep 2019 07:31 PM (IST)
छठी कक्षा के प्रश्नपत्र में क्या अनुसूचित जाति अछूत हैं के सवाल पर मचा बवाल
छठी कक्षा के प्रश्नपत्र में क्या अनुसूचित जाति अछूत हैं के सवाल पर मचा बवाल

नई दिल्ली, एजेंसी। तमिलनाडु में छठी कक्षा की परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर विवाद पैदा हो गया है। परीक्षा में कथित तौर पर पूछा गया कि क्या अनुसूचित जाति अछूत होते हैं? यह प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने  जताई आपत्ति
हालांकि जो प्रश्नपत्र इंटरनेट पर वायरल हो रहा है वह केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) से जुड़ा है। KVS ने प्रश्नपत्र को फर्जी बताया और CBSE ने कहा है कि आंतरिक परीक्षाओं में सवाल तैयार करने में उसकी भूमिका नहीं होती है। द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, 'केंद्रीय विद्यालय की छठी कक्षा में पूछे गए सवाल को देखकर स्तब्ध हूं। यह सवाल जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करता है। इस प्रश्नपत्र को बनाने में जिसका भी हाथ हो उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।'

बहु वैकल्पिक प्रश्न में पूछा गया था कि 'दलित' (अनुसूचित जाति) शब्द का क्या अर्थ होता है और विकल्प में 'विदेशी', 'अछूत' 'उच्च वर्ग और मध्य वर्ग' था। एएमएमके नेता टीटीवी दिनाकरण ने CBSE की निंदा करते हुए कहा, 'मैं इस तरह के संवेदनशील विषय पर बिना सामान्य समझ के पूछे गए इस सवाल की निंदा करता हूं, यह बिल्कुल भी नहीं सोचा गया कि यह सवाल छात्र-छात्राओं के दिमाग पर क्या असर डालेगा।'

Shocked and appalled to see that a Class 6 Kendriya Vidyalaya exam contains questions that propagate caste discrimination and communal division.

Those who are responsible for drafting this Question Paper must be prosecuted under appropriate provisions of law.@HRDMinistry pic.twitter.com/kddu8jdbN7 — M.K.Stalin (@mkstalin) September 7, 2019

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे 'फर्जी प्रश्नपत्र' का संज्ञान लिया है। सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि यह सवाल तमिलनाडु या पुडुचेरी के कुछ केंद्रीय विद्यालय का हो सकता है। बयान में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है, 'अभी तक KVS के समक्ष कोई भी ऐसा सबूत नहीं लाया गयाहै जिससे यह साबित हो कि यह प्रश्नपत्र केंद्रीय विद्यालय का है।'

CBSE ने दी सफाई
CBSE का कहना है कि वह किसी भी स्कूल के किसी भी कक्षा के आंतरिक सवाल तय नहीं करती है। वह सिर्फ 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित करती है। इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि उनके क्षेत्रीय कार्यालय ने पाया है कि चेन्नई क्षेत्र के 49 केंद्रीय विद्यालयों में से किसी ने भी यह प्रश्नपत्र तैयार नहीं किया है। संगठन ने कहा, 'इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि यह प्रश्नपत्र केंद्रीय विद्यालय से जुड़ा नहीं है। सोशल मीडिया यूजर्स से आग्रह किया जाता है कि वह गलत संदेश का प्रचार-प्रसार करने से बचें।'

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