नौकरी बदलने जा रहे है! इसके पहले जान लें ये जरूरी बातें वरना पड़ सकते हैं मुश्किल में

यदि आप एक ही वित्तीय वर्ष में नौकरियां बदल रहे हैं तो आईटीआर फाइल करते समय आपको इन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 02:57 PM (IST)
नौकरी बदलने जा रहे है! इसके पहले जान लें ये जरूरी बातें वरना पड़ सकते हैं मुश्किल में
नौकरी बदलने जा रहे है! इसके पहले जान लें ये जरूरी बातें वरना पड़ सकते हैं मुश्किल में

नई दिल्ली (जेएनएन)। नौकरीपेशा वालों के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया आज भी जटिल मानी जाती है। आज भी कई लोगों को टैक्स से संबंधित कई बातों की जानकारी सही से नहीं होती है और वे कई चीजों को लेकर संदेेह में रहते हैं और यही कारण है कि वे कई बार मुश्किल में पड़ जाते हैं।

यदि आपने एक ही वित्त वर्ष में नौकरियां बदली हैं तो आपको वर्तमान और पिछले नियोक्ताओं से बकाए कुल देय कर का पता लगाना चाहिए, क्योंकि आईटीआर (आयकर रिटर्न) फाइल करने के लिए करदाता को इनकी जरुरत पड़ सकती है। गलतियों से बचने के लिए, करदाता को विभिन्न कंपनियों द्वारा जारी फॉर्म -16 (स्रोत या टीडीएस प्रमाण पत्र में कटौती कर) के आधार पर कुल कर का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।

क्या है फॉर्म- 16
इसे इस तरह समझा जा सकता है कि, अगर आप कहीं जॉब करते हैं और आपकी सैलरी इनकम टैक्स मुक्त आमदनी (टैक्सफ्री इनकम) की सीमा से ज्यादा होती है तो आपका नियोक्ता (आपकी कंपनी) हर महीने टैक्स काटकर सरकार के पास जमा करती है। इसे TDS कहते हैं। इसी का ब्योरा ही Form 16 में दर्ज होता है।

एक वाक्य में कहें तो यह कर्मचारी को चुकाए गए कुल राशि (मूल वेतन और अन्य भत्ते सहित) और एक वर्ष में किए गए करों में कटौती का ब्योरा होता है। हर कर्मचारी के लिए फॉर्म- 16 इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसमें हर वो जरूर जानकारी दर्ज होती है जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने में काम आती है।

जब आपने नौकरी बदली है तो आईटीआर फाइल करते समय इन कुछ महत्वपूर्ण बातों की जांच जरूूर कर लें। डालें इन बिंदुओं पर एक नज़र- 

नकली निवेश घोषणा- अगर आप साल के मध्य में नौकरी बदलने जा रहे हैं तो इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपके फॉर्म-16 में कटौती या छूट का दावा सिर्फ एक बार किया गया है। करदाता को आयकर विभाग से पूछताछ के जरुरत पड़ने पर अपने पास जरुरी संबंधित कागजात को तैयार रखने चाहिए। यदि आपने अपने वर्तमान और पिछले नियोक्ता (वर्तमान कंपनी और पिछली कंपनी) के साथ समान निवेश घोषित कर दिया है और अपने पुराने सैलरी डीटेल्स को नई कंपनी के नियोक्ता के साथ साझा करना भूल गए हैं, तो आपको अपनी कर देयता का पुनर्मूल्यांकन करना होगा। इससे नकल की संभावना कम हो जाएगी।

इस स्थिति में कर स्लैब में बदलाव की जांच कर लें- एक और महत्वपूर्ण बात यह कि टैक्स स्लैब में बदलाव की बात भी करदाता को ध्यान में रखना चाहिए। नए संगठन में शामिल होने से आम तौर पर वेतन संरचना (आम तौर पर सैलरी स्ट्रक्चर) बदलती है, इसलिए करदाताओं को उसी अनुसार कर स्लैब में होने वाले बदलाओं की भी जांच करनी चाहिए।

एक से अधिक फॉर्म- 16- एक ही वित्तीय वर्ष में नौकरी बदलने से आपको दो या दो से अधिक फॉर्म- 16 (वर्तमान और पिछले नियोक्ता) के मिल सकते हैं। ऐसी स्थिति में अलग-अलग फॉर्म- 16 दस्तावेजों पर विचार करते समय कर कर की गणना अवश्य की जानी चाहिए।

एक और अहम बात ये है कि यदि आपको अपना फॉर्म -16 प्राप्त नहीं हुआ है, तो खाता विभागों (अकाउंट डिपार्टमेंट) के संपर्क में रहें क्योंकि टीडीएस प्रमाण पत्र के बिना सही ढंग से आईटीआर फाइल करने में थोड़ी समस्या आ सकती है।

इसलिए एक ही वित्तीय वर्ष में नौकरियां बदलते समय परेशानियों से मुक्त रहना चाहते हैं तो आपको रिटर्न फाइल करते समय इन चीजों को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए।

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