'बाइक बोट' घोटाले में आरोपित को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नहीं थी सक्रिय भूमिका

शीर्ष अदालत ने गोयल को जमानत देने के साथ ही जांच में सहयोग करने को भी कहा है। बचाव पक्ष ने कहा कि गोयल कंपनी के अतिरिक्त निदेशक के तौर पर सिर्फ 23 दिन ही रहे थे। वह कंपनी के शुरुआती निवेशक भी नहीं हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 09 Nov 2021 09:29 AM (IST) Updated:Tue, 09 Nov 2021 09:29 AM (IST)
'बाइक बोट' घोटाले में आरोपित को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नहीं थी सक्रिय भूमिका
शीर्ष अदालत ने गोयल को जमानत देने के साथ ही जांच में सहयोग करने को भी कहा है

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की 3,500 रुपये के 'बाइक बोट' पोंजी योजना मनी लांड्रिंग केस में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व कंपनी अधिकारी को सोमवार को जमानत दे दी। जस्टिस एल नागेश्र्वर राव और जस्टिस एएस ओका की अगुआई वाली पीठ ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआइपीएल) के अतिरिक्त निदेशक संजीव गोयल को जमानत देते हुए कहा कि कंपनी के रोजमर्रा के मामलों में उनकी कोई सक्रिय भूमिका नहीं देखी गई है।

इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद गोयल की जमानत याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया था। शीर्ष अदालत ने गोयल को जमानत देने के साथ ही जांच में सहयोग करने को भी कहा है। बचाव पक्ष ने कहा कि गोयल कंपनी के अतिरिक्त निदेशक के तौर पर सिर्फ 23 दिन ही रहे थे। वह कंपनी के शुरुआती निवेशक भी नहीं हैं।

आकर्षक रिटर्न का लालच देकर निवेशकों को ठगने वाली इस पोंजी योजना के तहत करीब 3,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। ठगी का शिकार हुए करीब तीन लाख निवेशकों में से अधिकतर सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी हैं।नोएडा स्थित जीआइपीएल ने वर्ष 2018 में बहुस्तरीय मार्केटिंग योजना 'बाइक बोट' शुरू की थी जिसमें एक साल में ही रिटर्न दोगुना होने का लालच दिया गया था।                      

बीते हफ्ते सीबीआइ ने इस घोटाले की जांच अपने हाथों में ली है। इस घोटाले में करीब दो लाख निवेशकों से बाइक टैक्सी मुहैया कराने के नाम पर हर निवेशक करीब 62-62 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से दिसंबर 2019 में नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज 11 मामलों की जांच करने को कहा था। नोएडा पुलिस ने बताया था कि कंपनी के पास करीब सात हजार बाइक थी, जिनमें से केवल दो हजार गाड़ियां ही पंजीकृत थी। करीब 2.25 लाख लोगों ने इसमें निवेश किया था जो कुल 1300 करोड़ रुपये है।

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