सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्टों में एड हाक जजों की नियुक्ति की व्यवस्था का किया समर्थन, दिए ये निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लंबित मामलों का बोझ घटाने के लिए हाई कोर्टों में एड हाक (तदर्थ) न्यायाधीशों की नियुक्ति व्यवस्था का समर्थन किया। अदालत ने विभिन्न हाई कोर्टों की ओर से पेश वरिष्ठ वकीलों के समूह से एक रोडमैप बनाने को कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 11:14 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्टों में एड हाक जजों की नियुक्ति की व्यवस्था का किया समर्थन, दिए ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्टों में एड हाक (तदर्थ) न्यायाधीशों की नियुक्ति का समर्थन किया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। स्वाभाविक समयसीमा की बंदिश का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लंबित मामलों का बोझ घटाने के लिए हाई कोर्टों में एड हाक (तदर्थ) न्यायाधीशों की नियुक्ति व्यवस्था का समर्थन किया। स्वाभाविक समयसीमा से शीर्ष अदालत का आशय संभवत: प्रधान न्यायाधीश की 23 अप्रैल को सेवानिवृत्ति से था।

विभिन्न हाई कोर्टों की ओर से पेश वरिष्ठ वकीलों के समूह से प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि वे खुद ही वर्चुअल बैठक करके विचार विमर्श कर लें और एक हफ्ते के अंदर उन चार मुख्य बिंदुओं पर एक रोडमैप बना लें जिनके आधार पर एड हाक जजों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो सके।

ये बिंदु हैं- लंबित मामलों का प्रतिशत क्या हो, कितने एड हाक जजों की नियुक्ति हो, एड हाक जजों का कार्यकाल कितना हो और उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया क्या हो। पीठ ने कहा, 'हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। हम स्वाभाविक समयसीमा का सामना कर रहे हैं। हम हर बिंदु पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि इसमें काफी समय लगेगा।' इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को सूचीबद्ध कर दी।

वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्टों में जजों की नियुक्ति पर चर्चा के लिए प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एसए बोबडे की अध्यक्षता में गुरुवार को कोलेजियम की पूर्व निर्धारित बैठक हुई लेकिन यह बेनतीजा रही। यह बैठक परंपरा से हटकर हुई क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा अगले सीजेआइ की नियुक्ति का आदेश जारी होने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे (आउटगोइंग) सीजेआइ केंद्र से हाई कोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश नहीं करते।

बताया जाता है कि कोलेजियम की बैठक जस्टिस रमना को सीजेआइ नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी होने से पहले निर्धारित की गई थी। सीजेआइ के अलावा कोलेजियम में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर शामिल हैं। मालूम हो कि सीजेआइ बोबडे 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

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