सुप्रीम कोर्ट का गुजरात हाई कोर्ट को तथ्यान्वेषी समिति गठित करने का निर्देश
निजी स्कूलों में ईडब्लूएस छात्रों के प्रवेश का मामला है यह।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक तथ्यान्वेषी समिति गठित करने का निर्देश दिया। यह समिति आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के छात्रों को प्रवेश में 25 फीसद आरक्षण नहीं देने वाले निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के कदाचार की जांच करेगी।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने संदीप हर्षाद्रे मुंजयसरा की उस याचिका पर संज्ञान लिया जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य में हजारों स्कूल कक्षा एक में कुल छात्रों की संख्या को इस हद तक छिपा रहे हैं कि इसने शिक्षा के अधिकार (आरटीई) को मजाक बना दिया है। आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटें ईडब्लूएस छात्रों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाल्विस ने कहा, 'उनकी (याचिकाकर्ता) रिसर्च से निष्कर्ष निकला है कि एक हजार से ज्यादा स्कूलों ने कक्षा एक में छात्रों की कुल संख्या शून्य और चार हजार से ज्यादा स्कूलों ने कक्षा एक में छात्रों की कुल संख्या 40 से कम दर्शायी है।' शीर्ष अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति में दो या चार अन्य सदस्य हो सकते हैं। इनमें सरकारी अधिकारियों के अलावा शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा अनुभवी व्यक्ति भी हो सकता है। समिति अपनी पहली बैठक की तिथि से तीन महीने के भीतर अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।