सुप्रीम कोर्ट में दलील पर चौतरफा घिरे सिब्बल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी की निंदा

अब उस सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ही सिब्बल से किनारा कर लिया है, जिसका पक्ष रखते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत में यह दलील दी थी

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 06 Dec 2017 02:37 PM (IST) Updated:Wed, 06 Dec 2017 08:19 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में दलील पर चौतरफा घिरे सिब्बल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी की निंदा
सुप्रीम कोर्ट में दलील पर चौतरफा घिरे सिब्बल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी की निंदा

नई दिल्ली (एएनअाई)। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले की सुनवाई के दौरान अपने दलील पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल चौतरफा घिरते दिखाई दे रहे हैं । भाजपा के बाद अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी कोर्ट में उनके बयान की निंदा की है। अब उस सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ही सिब्बल से किनारा कर लिया है, जिसका पक्ष रखते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत में यह दलील दी थी। सिब्बल ने सुप्रीमकोर्ट में मामले को अगले लोकसभा चुनाव तक टालने को कहा था।

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा- हम जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं 

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य और बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने सिब्बल के बयान को गलत करार देते हुए कहा कि हां, कपिल सिब्बल हमारे वकील हैं, लेकिन वह एक राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिया गया उनका बयान गलत है। हम इस मसले का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं। हाजी महबूब ने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि यह मसला जल्द से जल्द हल हो जाए। सिब्बल ने किस अंदाज से कह दिया कि 2019 के बाद सुनवाई हो? यह मैं गलत समझता हूं। 25 साल गुजर गए, मैं नहीं चाहता हूं कि 1992 की तस्वीर फिर दोहराई जाए। वह कांग्रेस के नेता भी हैं, हमें पता नहीं था कि वह ऐसी बात कहेंगे।

Yes Kapil Sibal is our lawyer but he is also related to a political party, his statement in SC yesterday was wrong, we want a solution to the issue at the earliest: Haji Mehboob,Sunni Waqf Board #Ayodhya pic.twitter.com/CMN8MXr5ta

— ANI (@ANI) December 6, 2017

रविशंकर ने कहा- सिब्बल को नहीं भूलना चाहिए की वे पूर्व कानून मंत्री थे

बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस मसले की सुनवाई को 2019 के आम चुनाव तक टाल देना चाहिए। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक वकील होने के नाते कपिल सिब्बल दलीलें पेश कर सकते हैं लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वह पूर्व कानून मंत्री रह चुके हैं। इस बात से उनका क्या मतलब है कि वह इस मसले को 2019 तक टालना चाहते हैं। इसका बाहर क्या असर होगा? यह कई मायनो में गैरजिम्मेदाराना और गलत है।

As a lawyer #KapilSibal can argue any matter but he should not forget that he has been the law minister in the past. What does he mean, when he says don't hear the matter till 2019 as it will have an impact outside? It is unfair and in many ways irresponsible: RS Prasad #Ayodhya pic.twitter.com/KfDBz8fRxI

— ANI (@ANI) December 6, 2017

पीएम मोदी ने पूछा- 2019 में चुनाव कांग्रेस लड़ेगी या फिर सुन्नी वक्फ बोर्ड 

उनके इस बयान पर हमला बोलते हुए गुजरात की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि आखिर 2019 में चुनाव कांग्रेस लड़ेगी या फिर सुन्नी वक्फ बोर्ड । नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि कपिल सिब्बल मुस्लिम समुदाय की तरफ से लड़ रहे हैं पर वह यह कैसे कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक अयोध्या मामले का कोई हल नहीं होना चाहिए? इसका संबंध लोकसभा चुनाव से कैसे है?'

मैं कभी भी सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं थाः कपिल सिब्बल

पीएम मोदी के बयान के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि कभी-कभी हमारे पीएम चीजों को बिना जाने ही टिप्पणी करते हैं। अमित शाह और उन्होंने कहा कि मैं सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करता हूं। मैं कभी भी सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं था। जब भगवान चाहेगा, तभी राम मंदिर बनेगा। मोदी जी के कहने से राम मंदिर नहीं बनेगा, मामला कोर्ट में है।

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