ब्रिटेन में कोरोना रोधी नेजल स्प्रे का सफल परीक्षण, दूसरे चरण के परीक्षण में 95 फीसद तक कारगर

कोरोना महामारी से हलकान विश्व के लिए एक अच्छी खबर है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ नेजल स्प्रे यानी नाक से दी जाने वाली दवा का सफल परीक्षण किया गया है। दूसरे चरण के परीक्षण में 95 फीसद तक कारगर पाई गई दवा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 02:56 AM (IST)
ब्रिटेन में कोरोना रोधी नेजल स्प्रे का सफल परीक्षण, दूसरे चरण के परीक्षण में 95 फीसद तक कारगर
भारत बायोटेक भी कर रही है नाक से दी जाने वाली कोरोना रोधी दवा का परीक्षण।

जेएनएन, नई दिल्ली। कोरोना महामारी से हलकान विश्व के लिए एक अच्छी खबर है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ नेजल स्प्रे यानी नाक से दी जाने वाली दवा का सफल परीक्षण किया गया है। दूसरे चरण के परीक्षण में यह दवा 95 फीसद तक कारगर पाई गई है। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ स्वदेशी टीका कोवैक्सीन विकसित करने वाली भारत बायोटेक नेजल दवा का परीक्षण कर रही है।

नेजल स्प्रे न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोक सकता है: सैनओटाइज

कनाडा की बायोटेक कंपनी सैनओटाइज और ब्रिटेन के सेंट पीटर हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट ने सैनओटाइज की नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (एनओएनएस) के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे का एलान किया है। इसमें पाया गया कि यह नेजल स्प्रे न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोक सकता है, संक्रमण की अवधि को कम कर सकता और लक्षणों की गंभीरता और संक्रमित हो चुके लोगों में नुकसान को कम कर सकता है। कंपनी ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगने की तैयारी में है।

दूसरे चरण के परीक्षण में 95 फीसद तक कारगर पाई गई दवा

रिपोर्ट के मुताबिक इस स्प्रे का कोरोना वायरस से संक्रमित 79 लोगों पर दूसरे चरण का परीक्षण किया गया। इसमें पाया गया कि शुरुआती चरण में ही गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों में भी यह दवा कोरोना वायरस की मात्रा को कम करने में कारगर रही। यह दवा देने के 24 घंटे के भीतर संक्रमितों में वायरस की मात्रा में 95 फीसद तक कमी देखी गई। जबकि, 72 घंटे के भीतर वायरल लोड में 99 फीसद की कमी आई। इन मरीजों में ज्यादातर ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित थे, जो दुनियाभर में गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। इसके अलावा सात हजार से अधिक लोगों ने खुद से इस दवा का इस्तेमाल किया था। इनमें से किसी में प्रतिकूल प्रभाव के लक्षण नजर नहीं आए।

डॉ. विंचेस्टर ने कहा- कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में यह दवा क्रांतिकारी साबित होगी

इस ट्रायल के मुख्य अन्वेषक और कंसल्टेंट विषाणु विज्ञानी डॉ. स्टीफेन विंचेस्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में यह दवा क्रांतिकारी साबित हो सकती है। इस नेजल स्प्रे को लेना और कहीं भी ले जाना आसान है। यह कोरोना वायरस के प्रसार को भी बहुत हद तक कम करती है।

भारत बायोटेक भी कर रही है नाक से दी जाने वाली कोरोना रोधी दवा का परीक्षण

भारत बायोटेक भी नाक से दी जाने वाली कोरोना रोधी दवा का परीक्षण कर रही है। भारतीय दवा नियामक से उसे इसके क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी भी मिल चुकी है।

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