बंकर से ज्यादा मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, इसके आगे गैस कटर भी फेल

स्ट्रांग रूम को बनाने के लिए लंदन की छब कंपनी के इंजीनियरों को बुलाए गया था। इस स्ट्रांग रूम में कई परते हैं। अबतक इसकी तीन परतों को काटा जा चुका है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 09 Feb 2020 08:51 AM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 08:51 AM (IST)
बंकर से ज्यादा मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, इसके आगे गैस कटर भी फेल
बंकर से ज्यादा मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, इसके आगे गैस कटर भी फेल

रामपुर, मुस्लेमीन। राजा-महाराजाओं के दौर में शाही खजाने को सुरक्षित रखने के लिए किस कदर जतन किए जाते थे, इसका अहसास उप्र के रामपुर स्थित नवाब मिक्की मियां खानदान के स्ट्रांग रूम ने करा दिया है। इस स्ट्रांग रूम की बाहरी दीवार में चार गुणे सात फीट का दरवाजा है, लेकिन उसकी चाबी गुम हो जाने से इसे खोलने के लिए काटा जा रहा है। आज के आधुनिक समय में भी तीन दिन के प्रयास के बाद भी स्टील से बने स्ट्रांग रूम की बाहरी दीवार की तीन परत ही काटी जा सकी है। अब लॉकर का दरवाजा दिख तो रहा है, लेकिन उसकी भी चाबी गुम हो जाने से उसे भी काटना पड़ेगा।

फिलहाल काटने का काम यह जानने के लिए रोक दिया गया है कि आखिर इसके लिए उचित तरीका क्या अपनाया जाए। पांच माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए। नवाब खानदान की कोठी खासबाग का भी सर्वे हो रहा है। इसी कोठी में नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम है, जिसमें शाही खजाना रहता है।

बेहद मजबूत स्टील से है बना

स्ट्रांग रूम की बाहरी दीवार की चौड़ाई-ऊंचाई करीब 20 गुणा 20 फीट है। नवाब खानदान की बहू नूरबानो ने बताया कि 1930 में उनके ससुर नवाब रजा अली खां के पिता नवाब हामिद अली खां ने कोठी खासबाग का निर्माण कराया था, तभी स्ट्रांग रूम बना था। उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम को बनाने के लिए लंदन की चब कंपनी के इंजीनियर रामपुर आए थे। इसमें जर्मनी की उस स्टील का इस्तेमाल किया गया, जिससे फौज के टैंक बनाए जाते हैं।

स्ट्रांग रूम पर बम गिरने का भी नहीं होगा असर

नूरबानो का दावा है कि स्ट्रांग रूम पर यदि बम बरसाए जाएं, तब भी इस पर कोई असर नहीं होगा। इस दीवार में 16--16 एमएम धातु की तीन परत है। इसमें ही चार गुणे सात फीट का एक दरवाजा है। काटने के दौरान मिले मिश्रण एवं लोहे के महीन टुक़़डों को जांच के लिए गुरग्राम भेजा है ताकि पता चल सके कि इसमें कौन--कौन सी धातु मिली हैं। बताया जाता है कि यह मैटेलिक मिक्सचर से बना है।

कोठी खासबाग की खासियत

रामपुर में खासबाग 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, इसी में कोठी खासबाग बनी है।  आलीशान कोठी को इस तरह बनाया गया कि भीषषण गर्मी में भी पूरी तरह ठंडी रहे, आसपास तापमान भी पांच डिग्री कम रहता है। कोठी में ढाई सौ कमरे और सिनेमा हाल सहित कई बड़े हाल हैं।  कोसी नदी किनारे बनी इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ लगे हैं। कोठी यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी है। यहां के बड़े-बड़े हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए हैं।  कोठी में नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल व संगीत हाल भी बनाया गया। सेंट्रल हाल में बेशकीमती पेंटिंग लगी हैं। कोठी के मुख्य द्वार पर गुंबद बने हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं। इसकी सीढ़ियां इटेलियन संगमरमर से बनी हैं। 

ये भी पढ़ें:

रामपुर के नवाब खानदान के स्ट्रांग रूम को बनाने वाली 'चब कंपनी' के मुरीद थे जॉर्ज चतुर्थ

chat bot
आपका साथी