सबरीमाला में दो हिंदू नेताओं की हिरासत के विरोध में केरल में रही हड़ताल

वृश्चिकोम माह के पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा में भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना की।हिंदू एक्य वेदी की प्रदेश अध्यक्ष केपी शशिकला व एक अन्य संगठन के नेता सुधीर को हिरासत में लिया गया।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 06:54 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 12:42 AM (IST)
सबरीमाला में दो हिंदू नेताओं की हिरासत के विरोध में केरल में रही हड़ताल
सबरीमाला में दो हिंदू नेताओं की हिरासत के विरोध में केरल में रही हड़ताल

केरल, प्रेट्र। मलयालम माह 'वृश्चिकोम' के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना की। वहीं,हिंदू एक्य वेदी (एचआइ) की केरल प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता केपी शशिकला को एहतियातन हिरासत में लिए जाने के विरोध में शनिवार को केरल में 12 घंटे की हड़ताल का आयोजन किया गया। इस दौरान कुछ झड़पें भी हुईं।

केपी शशिकला को शनिवार तड़के करीब 2.30 बजे मरक्कूटम में उस वक्त हिरासत में लिया गया था जब वह प्रशासन के आदेश की अवहेलना कर सबरीमाला मंदिर परिसर में जाने की कोशिश कर रही थीं। दरअसल, पुलिस ने फैसला किया था कि रात में जब मंदिर बंद होता है तो वह किसी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं देगी।

हिरासत में लिए जाने के बाद शशिकला को रन्नी पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उनके हजार से ज्यादा समर्थक एकत्रित हो गए और विरोधस्वरूप 'नाम जप' शुरू कर दिया। हालांकि, शनिवार दोपहर मजिस्ट्रेट ने शशिकला को जमानत दे दी। पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा, 'राज्य सरकार सबरीमाला मंदिर की परंपराओं को ध्वस्त करना चाहती है। भाजपा अपने विरोध को और तेज करेगी।' विहिप प्रदेश अध्यक्ष एसजेआर कुमार ने आरोप लगाया कि कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया।

बंद के दौरान झड़प

एचआइ, भाजपा और संघ परिवार द्वारा आयोजित हड़ताल के चलते राज्य में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। कई इलाकों में सार्वजनिक बसें और ऑटो रिक्शा सड़कों से नदारद रहे। स्कूल और शैक्षिक संस्थान भी बंद रहे। बलरामपुरम में प्रदर्शनकारियों ने केएसआरटीसी की बस पर हमला किया और उसकी खिड़कियां तोड़ दीं। राजधानी तिरुवनंतपुरम के नजदीक एक गांव में माकपा और संघ परिवार समर्थक आपस में भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने कोझिकोड में माकपा नेता पी. मोहनन के बेटे जूलियस निकितास और उनकी बहू सनियो मनोमी पर उस वक्त हमला किया जब वे कार से एक मरीज को देखने अस्पताल जा रहे थे। सनियो मनोमी एक प्रमुख मलयाली समाचार चैनल में काम करती हैं। दोनों इस हमले में घायल हुए हैं। तिरुवनंतपुरम में हड़ताल के चलते लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा।

रेस्त्रां बंद रहने से श्रद्धालु परेशान

सबरीमाला मंदिर तक आने में श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि केएसआरटीसी ने पुलिस सुरक्षा में नीलक्कल से पंबा तक श्रद्धालुओं को लाने के लिए बसों की व्यवस्था की थी। मंदिर परिसर के नजदीक दुकानें और होटल भी खुले रहे, लेकिन रेस्त्रां और पेट्रोल पंप बंद रहने से श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।

'हड़ताल, तीर्थयात्रियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा'

राज्य के देवासम मंत्री के. सुरेंद्रन ने हड़ताल को शर्मनाक और अयप्पा तीर्थयात्रियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा बताते हुए कहा कि सबरीमाला मंदिर के त्योहारी मौसम में सामान्यत: प्रदर्शनकारी पतनमथित्ता जिले (इसी जिले में है मंदिर) को छोड़ देते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एम. रामचंद्रन ने माकपा सरकार और संघ परिवार में गुप्त समझौते का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने शशिकला को इसलिए गिरफ्तार किया ताकि उन्हें गौरवान्वित किया जा सके।

राजनीति कर रहे आरएसएस-भाजपा : येचुरी

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आरएसएस और भाजपा पर आरोप लगाया कि वे सबरीमाला के नाम पर राजनीतिक परियोजना चला रहे हैं। वे हिंदू श्रद्धालुओं के विरोधी हैं क्योंकि वे उन्हें मंदिर में पूजा-अर्चना करने से रोक रहे हैं।

ड्रोन से निगरानी कर रही पुलिस

सबरीमाला मंदिर में पुलिस श्रद्धालुओं पर कड़ी नजर रख रही है। निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

500 महिलाओं ने कराया पंजीकरण

पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल के जरिये 10 से 50 आयु वर्ग की करीब 500 महिलाओं ने भगवान अयप्पा के दर्शनों के लिए पंजीकरण कराया है। पुलिस ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि क्या किसी महिला ने सुरक्षा की मांग भी की है।

आदेश पालन के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगेगा टीडीबी

सबरीमाला मंदिर का प्रबंधन संभालने वाला त्रावनकोर देवासवम बोर्ड (टीडीबी) सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से उसके 28 सितंबर के आदेश को लागू करने के लिए और समय की मांग करेगा। इस आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी थी। टीडीबी ने यह फैसला उस सर्वदलीय बैठक के बाद लिया है जिसमें प्रदेश सरकार ने दृढ़ता से साफ किया कि वह शीर्ष अदालत का फैसला लागू करने के लिए बाध्य है।

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