तनाव लेने से बढ़ सकता है इस खतरनाक बीमारी का खतरा

अब नए शोध से पता चला है कि तनाव के चलते अग्नाशय (पैंक्रिएटिक) कैंसर की वृद्धि बढ़ सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 13 Jan 2018 10:43 AM (IST) Updated:Sat, 13 Jan 2018 11:30 AM (IST)
तनाव लेने से बढ़ सकता है इस खतरनाक बीमारी का खतरा
तनाव लेने से बढ़ सकता है इस खतरनाक बीमारी का खतरा

नई दिल्ली (जेएनएन)। तनाव सेहत के लिए ठीक नहीं होता। यह कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकता है। अब नए शोध से पता चला है कि तनाव के चलते अग्नाशय (पैंक्रिएटिक) कैंसर की वृद्धि बढ़ सकती है। तनाव की वजह से एड्रेनलाइन हार्मोन का स्राव होता है जिससे इस कैंसर का विकास तेज हो जाता है।

अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के हार्मोन के रोकथाम के लिए आमतौर पर बीटा ब्लॉकर्स दवाओं का उपयोग किया जाता है।

पैंक्रिएटिक कैंसर पीड़ितों के विश्लेषण में पाया गया कि जिन रोगियों ने बीटा ब्लॉकर्स का सेवन किया उनकी जिंदगी उन लोगों की अपेक्षा दो तिहाई लंबी हो गई जिन्होंने इन दवाओं का सेवन नहीं किया। हाल के अध्ययनों से भी यह जाहिर हो चुका है कि भावनाओं और मानसिक तनाव की ट्यूमर की वृद्धि में सामान्य रूप से अहम भूमिका होती है।

नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा

बदलते समय के साथ हमारी लाइफस्टाइल इतनी तेजी से बदल रही है कि कई बीमारियां हमें अपनी चपेट में ले रहीं हैं। शोधकर्ता लगातार उन बीमारियों को जानने और उनसे बचने के लिए अध्ययनरत हैं। वे समय-समय पर अध्ययन कर बताते रहते हैं कि हमारी जीवनशैली हमें किस बीमारी की ओर ले जा रही है। इसी कड़ी में एक अध्ययनके बाद शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है।

चीन की शिनचुआन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर शुलई मा के मुताबिक, हमें यह देखकर हैरत हुई की रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं और कैंसर का सीधा संबंध है। पहले भी यह बात सामने आ चुकी है कि रात में लाइट के संपर्क में आने से शरीर में मेलाटोनिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे नींद नहीं आती। मेलाटोनिन वह हार्मोन है, जो ब्रेस्ट कैंसर से बचाता है।

इस तरह किया अध्ययन 

शोधकर्ताओं ने कैंसर के 1,14,628 मामलों पर आधारित 61 आर्टिकल्स के डाटा और उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में रात में काम करने वाली 39,09,152 महिलाओं के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें सामने आया कि नॉर्थ अमेरिका और यूरोप में रात की शिफ्ट में काम करने वाली सबसे ज्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार थीं। मा के मुताबिक, लंबे समय से रात की शिफ्ट करने वाले लोगों को स्वास्थ्य की नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि किसी भी समस्या का शुरुआती स्तर पर ही पता लगाया जा सके।

यह परिणाम आए सामने
शोधकर्ताओं के मुताबिक, लंबे समय तक रात की शिफ्ट में काम करने से महिलाओं में कैंसर होने की आशंका 19 फीसद बढ़ जाती है। इन महिलाओं में स्किन कैंसर होने की आशंका 41 फीसद, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका 32 फीसद और पेट में कैंसर होने की आशंका 18 फीसद ज्यादा होती है। वहीं, रात की शिफ्ट में काम करने वाली नर्सों में ब्रेस्ट कैंसर होने आशंका दिन में काम करने वाली नर्सों की तुलना में 58 फीसद ज्यादा होती है।

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