दाभोलकर-गौरी लंकेश मामलों में जुड़ सकते हैं कुछ और नाम

नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्याओं में मास्टरमाइंड के तौर पर एक नाम एम.डी.मुराली का लिया जा रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 08:40 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 08:40 PM (IST)
दाभोलकर-गौरी लंकेश मामलों में जुड़ सकते हैं कुछ और नाम
दाभोलकर-गौरी लंकेश मामलों में जुड़ सकते हैं कुछ और नाम

राज्य ब्यूरो, मुंबई। पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण पंथी कट्टरपंथियों का शिकार हुए नरेंद्र दाभोलकर एवं गौरी लंकेश जैसे मामलों में जांच एजेंसियों को कुछ और नामों के शामिल होने के संदेह है। इनमें मास्टरमाइंड के तौर पर एक नाम एम.डी.मुराली का लिया जा रहा है। इसके अलावा विशेषकर दाभोलकर हत्याकांड में सीबीआई को हत्या के समय घटनास्थल पर दो और लोगों के उपस्थित रहने का पता चला है।

कुछ दिनों पहले मुंबई के निकट नालासोपारा से दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू करनेवाली महाराष्ट्र एटीएस द्वारा तैयार अब तक गिरफ्तार पांच लोगों से पूछताछ के आधार पर तैयार रिपोर्ट में एम.डी.मुराली का नाम उभरकर सामने आया है। एटीएस का मानना है कि 2008 के बाद हुए कुछ छोटे-मोटे विस्फोटों सहित डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, एम.एम.कलबुर्गी एवं गौरी लंकेश की हत्याओं का मास्टरमाइंड एम.डी.मुराली ही था।

लेकिन एटीएस के पास पूछताछ के आधार पर तैयार उक्त रिपोर्ट के अलावा कथित मुराली के विरुद्ध और कोई भी सबूत उपलब्ध नहीं है। एटीएस का कहना है कि गौरी लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार पुणे का इंजीनियर अमोल काले इस कार्य में एम.डी.मुराली का सहायक था। डॉ. दाभोलकर हत्याकांड में पहले गिरफ्तार हुए डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को अमोल काले से निर्देश मिलते थे।

दूसरी ओर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर मामले की जांच कर रही सीबीआई का मानना है कि दाभोलकर की हत्या के समय उनपर गोली चलानेवाले सचिन अंदुरे एवं शरद कलस्कर के अलावा घटनास्थल पर दो और लोग मौजूद थे, जिनसे यह सुनिश्चित करने के बाद ही गोली चलाई गई कि यही डॉ. दाभोलकर हैं। बता दें कि सचिन अंदुरे एवं शरद कलस्कर की गिरफ्तारी हो चुकी है।

नालासोपारा में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए वैभव दक्षिणपंथी कट्टर कार्यकर्ता वैभव राऊत के साथ शरद कलस्कर को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान जब उसने दाभोलकर हत्याकांड में शामिल होने की बात स्वीकार की तो उसे इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को सौंपा गया। फिर उसकी निशानदेही पर पुणे से सचिन अंदुरे की गिरफ्तारी की गई थी।

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