तकनीक से जुड़कर लोगों को गरीबी से निकलने में मदद कर रहा स्मार्टफोन

मोबाइल क्रांति सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ संयुक्त राष्ट्र के गरीबी, अन्याय जैसे 17 अहम लक्ष्यों को पूरा करने में अहम योगदान दे रही है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 09:34 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 09:34 AM (IST)
तकनीक से जुड़कर लोगों को गरीबी से निकलने में मदद कर रहा स्मार्टफोन
तकनीक से जुड़कर लोगों को गरीबी से निकलने में मदद कर रहा स्मार्टफोन

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मोबाइल फोन इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। संचार, मनोरंजन और अन्य जरूरी कामों के लिए हम पूरी तरह इसी पर निर्भर हैं। विश्व में करोड़ों लोगों के लिए ये न सिर्फ मनोरंजन और संचार का साधन बल्कि शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का अहम माध्यम बन रहा है। तकनीक से जुड़कर लोगों को गरीबी से निकलने में मदद कर रहा है। मोबाइल क्रांति सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ संयुक्त राष्ट्र के गरीबी, अन्याय व असमानता, पर्यावरण असंतुलन जैसे 17 अहम लक्ष्यों को पूरा करने में अहम योगदान दे रही है।

विकास में भागीदारी

मोबाइल ऑपरेटर द्वारा बनाए गए नेटवर्क और सुविधाओं की वजह से 2016 में मोबाइल फोन उद्योग दुनिया का पहला सेक्टर बन चुका है जो 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य पूरा करने के संकल्प में भागीदारी दिखा रहा है।

दो तिहाई आबादी के पास मोबाइल

2017 तक विश्व की करीब पांच अरब यानी दो तिहाई आबादी मोबाइल का इस्तेमाल करने लगी है। निम्न आय और दूरदराज इलाकों तक यूजर्स बढ़ाने के लिए मोबाइल ऑपरेटर्स ने इंटरनेट की सुलभ पहुंच और सस्ते प्लान उतारे हैं। इंटरनेट ने जीवन को बेहतर बनाने वाली सुविधाओं और सेवाओं से लोगों को जोड़ा है।

आपदा से उबरने में मददगार

शहरों को सुरक्षित और रहने योग्य बनाने के लिए सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर मोबाइल उद्योग आपदा प्रबंधन के प्रयासों में प्रभावी मदद मुहैया कर रहा है। तकरीबन 100 देशों के मोबाइल ऑपरेटरों ने ह्युमनैटेरियन कनेक्टिविटी चार्टर के साथ समझौता किया है। इसके तहत पिछले साल महामारियों और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित तीन करोड़ लोगों को मानवीय मदद दी गई।

ऑनलाइन भुगतान ने पकड़ी रफ्तार

2017 के आखिर तक ऑनलाइन पेमेंट एप पर तकरीबन 70 करोड़ अकाउंट रजिस्टर्ड हुए। एप के जरिए ऑनलाइन पेमेंट सुविधाओं का विकास हुआ है और लोगों में डिजिटल भुगतान की आदत बढ़ी।

बढ़ रहा इंटरनेट का जाल

2015 में 36 फीसद आबादी मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करती थी। इस दशक के अंत तक इसके 50 फीसद होने की संभावना है। ये आंकड़ा मध्य और निम्न आय वाले देशों में लोगों को इंटरनेट से जोड़ने में हळ्ई तरक्की की तरफ इशारा करता है।

इन देशों में तीव्र बढ़ोत्तरी

2015 से 2017 तक 60 करोड़ नए मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता जुड़े हैं। इनमें से ज्यादातर निम्न और मध्य आय वाले देशों में मौजूद हैं। इंटरनेट की मदद से ग्रामीण व पिछड़े इलाकों में लोग स्वास्थ्य, शिक्षा और मतदान जैसे आधारभूत अधिकारों को समझने लगे हैं और अब उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार

2015 से अब तक विकासशील देशों के पिछड़े इलाकों में रहने वाले तकरीबन 15 करोड़ लोग मोबाइल के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े हैं। युगांडा में स्वास्थ्य कार्यकर्ता मोबाइल एप के जरिए लोगों के स्वास्थ की जानकारी दर्ज करते हैं और उन्हें इलाज मुहैया कराया जाता है। 

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