श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने कहा, कश्मीर में प्रवेश न मिलने पर यात्रा का बहिष्कार

श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने श्राइन बोर्ड को चेतावनी दी है । उन्होंने कहा है कि हर हाल में 15 जून से कश्मीर में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 09:35 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 09:35 PM (IST)
श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने कहा, कश्मीर में प्रवेश न मिलने पर यात्रा का बहिष्कार
श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने कहा, कश्मीर में प्रवेश न मिलने पर यात्रा का बहिष्कार

जम्मू, जेएनएन। श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को चेतावनी दी है कि अगर लंगर लगाने वालों के ट्रकों को कश्मीर में 15 जून से प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली तो यात्रा का बहिष्कार किया जाएगा। यही नहीं, बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन भी किया जाएगा।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने 21 जून से पहले लंगरों के राशन और अन्य सामग्री के ट्रकों को कश्मीर में प्रवेश करने की अनुमति न देने का फैसला किया है। वहीं, लंगर आर्गेनाइजेशन बोर्ड से आग्रह कर चुकी है कि 21 जून से पहले ट्रकों को कश्मीर में प्रवेश करने की अनुमति मिले, लेकिन बोर्ड नहीं माना। अब बोर्ड और लंगर आर्गेनाइजेशन के बीच तनातनी बढ़ गई है।

चंडीगढ़ में रविवार को आर्गेनाइजेशन की जनरल बॉडी की बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। जनरल बॉडी ने कोई भी फैसला लेने के लिए प्रधान विजय ठाकुर और महासचिव राजन गुप्ता को अधिकृत किया। दोनों ने कोर कमेटी के साथ सलाह मशविरा करने के बाद कड़ा फैसला लिया है।

महासचिव ने कहा कि 2018 में बाबा अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी। उस समय लंगर वालों को 18 जून तक संबंधित जगहों पर पहुंचने के लिए कहा गया था। इस बार यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है और 21 जून से पहले जवाहर टनल को क्रॉस करने की इजाजत नहीं है।

लंगर वालों को संबंधित जगहों पर 27 जून को पहुंचने के लिए कहा गया है। ऐसे में लंगर लगाने के लिए मात्र चार दिन मिलेगा। पिछले साल 11 दिन मिला था। पवित्र गुफा, पंजतरणी, पिस्सुटॉप और शेषनाग जैसे शिविरों में पहुंचने और लंगर स्थापित करने में समय लगता है। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि अगर बोर्ड 15 जून से एंट्री की अनुमति नहीं देता तो लंगर संगठन यात्रा का बहिष्कार करेगा। गौरतलब है कि श्राइन बोर्ड के फैसले के विरोध में जम्मू और पंजाब में प्रदर्शन भी हो चुके हैं।

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