अपनी आगाज से आज तक जिंदगी
अपनी आगाज से आज तक जिंदगी, तेरी याद में गुम रही फिर भी जाने क्यूं ये एहसास है,
अपनी आगाज से आज तक जिंदगी,
तेरी याद में गुम रही फिर भी जाने क्यूं ये एहसास है,
जैसे चाहत मेरी कम रही।
अपनी आगाज से आज तक जिंदगी, तेरी याद में गुम रही फिर भी जाने क्यूं ये एहसास है,
अपनी आगाज से आज तक जिंदगी,
तेरी याद में गुम रही फिर भी जाने क्यूं ये एहसास है,
जैसे चाहत मेरी कम रही।