CAA पर शरद पवार ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, पूछा- श्रीलंकाई तमिल को क्यों नहीं अनुमति?

नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि CAA के तहत केवल पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से ही प्रवासियों को अनुमति क्यों?

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 01:58 PM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 01:58 PM (IST)
CAA पर शरद पवार ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, पूछा- श्रीलंकाई तमिल को क्यों नहीं अनुमति?
CAA पर शरद पवार ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, पूछा- श्रीलंकाई तमिल को क्यों नहीं अनुमति?

नई दिल्ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन बिल पर पूरे देश में रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राजनीतिक गलियारों में भी बयानबाजी तेज हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नागरिकता अधिनियम के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से ही प्रवासियों को अनुमति क्यों? श्रीलंका से आए लोगों को ऐसी अमुमति क्यों नहीं?

सीएए और एनआरसी पर मोदी सरकार शांत

सीएए, एनआरसी पर पवार ने आगे कहा कि देश जल रहा है मोदी सरकार शांत है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि, जो  भी देश की प्रगति के बारे में सोचता है वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है।

कोरेगांव में हो एसआईटी की जांच

पवार ने कहा कि सीएए देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा साथ ही व उसे आहत करेगा। सीएए के तहत सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थिों को क्यों शामिल किया गया है। श्रीलंका के तमिल को क्यों इसका हिस्सा नहीं बनाया गया। साथ ही शरद पवार ने कोरेगांव मामले में एसआईटी जांच करने की मांग भी की है। 

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नागरिकता संशोधित कानून राष्ट्रीय नागरिक पंजी देश को त्रस्त कर रहे गंभीर मुद्दों सो ध्यान हटाने की चाल है। खबरों के अनुसार, एक सवार के जवाब में पवार ने कहा कि बिहार समेच राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का रूख भी यही रहना चाहिए 

देशभर में सीएए पर प्रदर्शन

दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में सीएए का जमकर विरोध किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को करीब 15 जिलों में काफी हिंसा हुई। इस दौरान करीब 11 लोगों की मौत हो गई है। दूसरी ओर दिल्ली की जामा मस्जिद के पास भी लोगों ने भारी संख्या में जमा होकर प्रदर्शन किया।

 
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