सेमी हाईस्पीड ट्रेन दिसंबर तक, जम्मू बनेगा डिवीजन

दिल्ली से आगरा के बीच पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन के साल के अंत तक चलने की संभावना है। जबकि जम्मू, सिलचर और गुलबर्गा रेलवे के नए डिवीजन बनेंगे। रेलमंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्ष 2014-15 के अंतरिम रेल बजट में दिल्ली से आगरा और दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने की बात कही है। इस विषय में

By Edited By: Publish:Thu, 27 Feb 2014 02:17 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2014 02:30 PM (IST)
सेमी हाईस्पीड ट्रेन दिसंबर तक, जम्मू बनेगा डिवीजन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली से आगरा के बीच पहली सेमी हाइस्पीड ट्रेन के साल के अंत तक चलने की संभावना है। जबकि जम्मू, सिलचर और गुलबर्गा रेलवे के नए डिवीजन बनेंगे।

रेलमंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्ष 2014-15 के अंतरिम रेल बजट में दिल्ली से आगरा और दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच सेमी हाइस्पीड ट्रेनें चलाने की बात कही है। इस विषय में रेलवे बोर्ड ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार के मुताबिक इस पर काम तेज करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। समिति से कहा गया है कि वह ऐसे उपाय सुझाए जिससे इस साल के अंत तक दोनों में से किसी एक मार्ग पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन का प्रदर्शन किया जा सके। हम चाहते हैं कि दिसंबर तक कुछ करके दिखा दिया जाए। ये दोनों मार्ग ऐसे हैं जिनमें बिना ज्यादा खर्च और सुधारों के शुरू में 160 किमी की रफ्तार पर ट्रेन चलाई जा सकती है। बाद में और सुधारों के जरिए इसे 200 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।

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जम्मू समेत तीन नए डिवीजन:

ऊधमपुर-कटरा लाइन तैयार होने के बाद इस क्षेत्र में रेल यातायात बढ़ने की संभावना के मद्देनजर जम्मू को डिवीजन बनाना जरूरी हो गया है। अभी जम्मू उत्तर रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है। कुमार के मुताबिक वैसे भी फिरोजपुर से जम्मू के बीच रेलवे संपर्क बहुत अच्छा नहीं है। इसलिए जम्मू के डिवीजन बनाने से प्रशासनिक सुविधा रहेगी।

जम्मू के अलावा असम में सिलचर और कर्नाटक में गुलबर्गा को भी डिवीजन बनाने पर रेलवे बोर्ड सहमत हो गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में आने वाले सिलचर के ब्राडगेज लाइन से जुड़ने से ऐसा संभव हुआ है। जहां तक गुलबर्गा की बात है तो इस स्टेशन को डिवीजन बनाने के लिए रेलवे ने दो किलोमीटर के दायरे में जमीन मांगी थी जो काफी मशक्कत के बाद अब मिल गई है। लिहाजा गुलबर्गा के भी डिवीजन बनने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के अनुसार यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले डेढ़-दो साल में तीनों डिवीजन काम करने लगेंगे।

राज्यों के नाम पर जोन नहीं:

जहां तक नए जोन बनाने की मांग का सवाल है, रेलवे बगैर ठोस कारणों के नए जोन बनाने के खिलाफ है। तेलंगाना तथा सीमांध्र की ओर से नए रेलवे जोन बनाने की मांग को इसी आधार पर खारिज कर दिया गया है। कुमार के अनुसार, रेलवे में राच्य के आधार पर जोन का गठन नहीं होता। गुजरात और केरल में रेलवे का बड़ा नेटवर्क है लेकिन इन्हें अलग जोन का दर्जा नहीं दिया गया है।

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