अगले महीने आ सकता है चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा, चीन-पाक से तनातनी के बीच रक्षा क्षेत्र और होगा मजबूत

भारत की वायु सेना को अधिक मजबूती देने के लिए और राफेल विमानों को शामिल कराने की तैयारियों के लिए फ्रांस पहुंचा वायु सेना का दल। करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए करार किया था।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 07:19 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 07:19 PM (IST)
अगले महीने आ सकता है चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा, चीन-पाक से तनातनी के बीच रक्षा क्षेत्र और होगा मजबूत
चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा जल्द आएगा भारत।

नई दिल्ली, प्रेट्र। चीन और पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच भारत के रक्षा क्षेत्र को जल्द और मजबूती मिलेगी। चार राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत आ चुका है जिन्हें 10 सितंबर को वायु सेना में शामिल कर लिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि राफेल विमानों के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायु सेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुनिंदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेज दिया है।

बता दें कि करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए करार किया था। अधिकारियों ने कहा कि वायु सेना के कई दल जनवरी से अब तक फ्रांस का दौरा कर भारत केंद्रित शस्त्र प्रणालियों को शामिल करने सहित, राफेल परियोजना की प्रगति का जायजा ले चुके हैं। वायु सेना के राफेल परियोजना प्रबंधन दल का एक दफ्तर पेरिस में भी है जिसके प्रमुख ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एयर स्टाफ के सहायक प्रमुख (परियोजना) के नेतृत्व में विशेषज्ञों का एक दल इस सप्ताह की शुरुआत में फ्रांस गया है।

गौरतलब है कि राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को वायु सेना में शामिल किया गया था। वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने पांच अक्टूबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि 2023 तक सभी 36 विमान वायु सेना में शामिल कर लिए जाएंगे। अभी तक भारत को दस राफेल की आपूíत हो चुकी है। इनमें से पांच विमान वायु सेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए अभी फ्रांस में ही हैं जिन्हें जल्द लाने की तैयारी की जा रही है।

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