सीट बेल्ट लगाई होती तो बच सकती थी गोपीनाथ मुंडे की जान: हर्षव‌र्द्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने अगर सीट बेल्ट लगाई होती तो शायद उनकी जान बच सकती थी। हर्षवर्धन ने इसके साथ ही गाड़ी चलाते समय सुरक्षा उपाय के रूप में सीट बेल्ट लगाने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बड़ा अभियान चलाने का भी ऐलान किया।

By Edited By: Publish:Wed, 04 Jun 2014 05:52 PM (IST) Updated:Wed, 04 Jun 2014 07:09 PM (IST)
सीट बेल्ट लगाई होती तो बच सकती थी गोपीनाथ मुंडे की जान: हर्षव‌र्द्धन

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने अगर सीट बेल्ट लगाई होती तो शायद उनकी जान बच सकती थी। हर्षवर्धन ने इसके साथ ही गाड़ी चलाते समय सुरक्षा उपाय के रूप में सीट बेल्ट लगाने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बड़ा अभियान चलाने का भी ऐलान किया।

दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के बीड़ रवाना होने से पूर्व हर्षवर्धन ने कहा, 'सीट बेल्ट पहनने से हो सकता है कि मुंडे की जान बच जाती। एक गलतफहमी के कारण मैंने अपने दोस्त को खो दिया। अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि पिछली सीट की सीट बैल्ट केवल दिखावे के लिए होती है। वास्तव में पिछली सीट पर बेल्ट पहनना उतना ही जरूरी होता है जितना अगली सीट पर बैठे यात्री के लिए। टक्कर या आघात की स्थिति में सीट बेल्ट जान बचा सकती है।' मुंडे की मंगलवार सुबह मध्य दिल्ली में एक सड़क हादसे में अंदरूनी चोटों के कारण मौत हो गई थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय चलाएगा सुरक्षा अभियान

हर्षवर्धन ने सूचित किया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही गाड़ी चलाते समय सुरक्षा उपायों के संबंध में लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक अभियान चलाएगा। उन्होंने बताया कि गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर एक मल्टी मीडिया प्रचार अभियान चलाने पर विचार किया जा रहा है जिसका मकसद सुरक्षा होगा।

गलत रोल मॉडल की पूजा करते हैं बच्चे

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चे भी गलत रोल मॉडल की पूजा करते हैं। गलत तरीके से ड्राइविंग या तेज गति से बाइक चलाने वालों के महिमामंडन के बजाय बच्चों को जिंदगी के सही रास्ते की ओर ले जाया जाना चाहिए। हर्षवर्धन ने बताया कि एक वाहनचालक द्वारा लाल बत्ती तोड़कर कथित रूप से मुंडे की कार में टक्कर मारे जाने के कुछ ही सेकेंड के भीतर मुंडे की मौत हो गई।

हादसा आंखें खोलने वाला

हर्षवर्धन ने जोर देकर कहा, 'गोपीनाथ मुंडे के हादसे को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखना चाहिए। मंत्री की त्रासदपूर्ण और असामयिक मौत सभी वाहन चालकों की आंखें खोलने वाली होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि मंत्री की कार को अधिक नुकसान नहीं हुआ लेकिन जिस तेज गति से वह आगे की ओर गिरे उससे उनकी गर्दन के जोड़ की एटलांटो एक्सिल को नुकसान पहुंचा और रीढ़ की हड्डी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने बताया कि ब्रेन स्टेम को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं बाधित हो गई और यह उनके तुरंत हृदयाघात का कारण बना। इसके अलावा, उनके लीवर को भारी चोट पहुंची जिससे बड़ी मात्रा में रक्त बह गया। उन्होंने कहा, 'मैं यह सोचकर ही सुन्न पड़ जाता हूं कि राष्ट्र ने एक अनमोल जननायक खो दिया जिनका महाराष्ट्र में एक शानदार रिकॉर्ड था।'

उन्होंने कहा, 'अब मुझे अहसास होता है उन असंख्य लोगों के बारे में जिन्होंने अपने करीबी लोगों को कार हादसों में केवल इसलिए खो दिया क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट के महत्व की अनदेखी की।'

राजकुमारी डायना ने भी की थी सुरक्षा उपायों की अनदेखी

हर्षवर्धन ने कई ऐसे बहुचर्चित हादसों का उल्लेख किया जो इस गंभीर लापरवाही के कारण हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक हादसा ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की अगस्त 1997 में हुई मौत थी जब उनकी तेजगति से जा रही कार पेरिस में एक अंडरपास में एक स्तंभ से जा टकराई थी।

उन्होंने कहा, बाद में इस बात की पुष्टि हुई कि कार में सवार चार लोगों में से एकमात्र जिंदा बचे डायना के बॉडीगार्ड ट्रेवोर रीस जोंस ने अपनी जान बचने का एकमात्र कारण सीट बेल्ट पहनने को बताया था जबकि बाकी तीनों राजकुमारी डायना, उनके मित्र डोडी फयाद और चालक हेनरी पाल ने इसकी अनदेखी की थी। इसी प्रकार 2007 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा भी एक सड़क हादसे में मारे गए थे। हर्षवर्धन ने कहा कि यदि उन्होंने सीट बेल्ट पहनी होती तो उनकी भी जान बच सकती थी।

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