School Reopening Guidelines 15 अक्‍टूबर से कैसे और किन शर्तों पर खुलेंगे स्‍कूल, जानें- सब कुछ

15 अक्‍टूबर से कंटेनमेंट जोन के बाहर स्‍कूलों और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने की छूट है। शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 04 Oct 2020 09:50 AM (IST) Updated:Sun, 04 Oct 2020 12:11 PM (IST)
School Reopening Guidelines 15 अक्‍टूबर से कैसे और किन शर्तों पर खुलेंगे स्‍कूल, जानें- सब कुछ
स्‍कूलों, कोचिंग संस्‍थानों के लिए यह हैं गाइडलांइस। क्लास की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के साथ ही अब 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे। कोरोना वायरस महामारी के बीच 21 सितंबर से जहां राज्‍यों को कक्षा 9 से 12 तक के स्‍कूल खोलने की छूट दी गई थी। तो, अब सभी स्‍कूल खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि, यह छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गई है। स्‍कूल कब से खोले जाएं, वह तारीख राज्‍य सरकारें तय करेंगी। शिक्षा मंत्रालय ने स्‍कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसी के आधार पर राज्‍यों को अपनी गाइडलाइंस जारी करनी होंगी। स्‍कूल खोलने का स्‍टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पहले ही जारी किया जा चुका है। जिसमें कोरोना वायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्‍तार से बताया गया था। आइए जानते हैं नई गाइडलाइंस में क्‍या है।

Guidelines for reopening of schools/HEIs outside containment zones:

States/UTs may take a decision in respect of reopening of schools & coaching institutes after Oct 15, in a graded manner. pic.twitter.com/kp89ol48Cr

— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) October 3, 2020

स्‍कूलों, कोचिंग संस्‍थानों के लिए यह हैं गाइडलांइस?

- ऑनलाइन/डिस्‍टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।

- अगर छात्र ऑनलाइन क्‍लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्‍हें इसकी इजाजत दी जाए।

- छात्र केवल अभिभावक की लिखित अनुमति के बाद ही स्‍कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।

-स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्‍य अपनी SOP तैयार करेंगे।

-जो भी स्‍कूल खुलेंगे, उन्‍हें अनिवार्य रूप से राज्‍य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।

कॉलेज, उच्‍च शिक्षा संस्‍थान खोलने के नियम

-कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इसपर फैसला उच्‍च शिक्षा विभाग करेगा। 

-ऑनलाइन/डिस्‍टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।

-फिलहाल केवल रिसर्च स्‍कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्‍टूडेंट्स जिन्‍हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्‍थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्‍थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्‍यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्‍थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।

सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश

-सबसे पहले दसवीं और बारहवीं की लगेगी कक्षाएं

- एक क्लास में सिर्फ 12 बच्चे ही बैठ सकते हैं

-कोरोना संकट के चलते मार्च से बंद हैं स्कूल

-अभिभावक की अनुमति पर ही बुलाए जाएंगे बच्चे

- बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की

-हफ्ते में दो से तीन दिन ही बुलाए जाएंगे हर कक्षा के बच्चे

- बच्चों के लिए मास्क और सैनिटाइजर जरूरी

चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे

चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे। सबसे पहले दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को बुलाया जाएगा, क्योंकि इनकी बोर्ड परीक्षाओं में अब कुछ ही महीने बचे है। बच्चों को स्कूल बुलाकर इनके प्रैक्टिकल सहित बाकी बचे कोर्स को पूरा कराया जाएगा। कोरोना संकट के चलते मार्च से ही स्कूल बंद हैं और नए सत्र में अभी तक बच्चे एक भी दिन स्कूल नहीं आए हैं। इस बीच, इन बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूल से लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं। हालांकि, स्कूलों के बंद रहने के बाद भी इन बच्चों की आनलाइन पढ़ाई जारी थी, लेकिन स्कूलों का मानना है कि बच्चों को कक्षाओं में सामने बिठाकर पढ़ाए बगैर बेहतर रिजल्ट नहीं मिल सकता है। फिलहाल स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे देश के बड़े सरकारी स्कूल संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है।

तय समय पर होंगी बोर्ड परीक्षाएं

स्कूल खोलने के साथ ही सीबीएसई के साथ मिलकर शिक्षा मंत्रालय बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में भी जुट गया है। फिलहाल जो योजना है, उसके तहत दसवीं और बारहवीं की सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं हर साल की तरह अगले साल फरवरी और मार्च में होगी। हालांकि इससे पहले प्री-बोर्ड की पहली परीक्षाएं इस साल दिसंबर में ही कराई जाएंगी। योजना पर काम कर रहे अधिकारियों की मानें तो अगला शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो, इसके लिए परीक्षाएं समय पर ही कराई जाएंगी।

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