ताज संरक्षण मामला : SC ने पर्यावरण-वन मंत्रालय पर उठाए सवाल, कहा आप हैं जिम्मेदार

SC ने ताजमहल के रखरखाव और संरक्षण के लिए ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) अध्यक्ष, पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को जिम्मेदार माना।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Mon, 30 Jul 2018 02:35 PM (IST) Updated:Mon, 30 Jul 2018 07:55 PM (IST)
ताज संरक्षण मामला : SC ने पर्यावरण-वन मंत्रालय पर उठाए सवाल, कहा आप हैं जिम्मेदार
ताज संरक्षण मामला : SC ने पर्यावरण-वन मंत्रालय पर उठाए सवाल, कहा आप हैं जिम्मेदार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को उन अधिकारियों के नाम बताए जिनकी जिम्मेदारी ताजमहल और ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) को संरक्षित रखने की है। सरकार ने कहा कि ऐतिहासिक स्मारक ताजमहल की देखरेख की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआइ) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) की है जबकि टीटीजेड के संरक्षण की जिम्मेदारी आगरा के कमिश्नर और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव की है। सरकार की ओर से ये बताए जाने पर कोर्ट ने साफ किया कि भविष्य में इस मामले में जो भी हलफनामा दाखिल किया जाएगा वो सिर्फ इन्हीं तीन अधिकारियों की ओर से दाखिल होगा। इनके अलावा किसी अन्य अधिकारी का हलफनामा कोर्ट में स्वीकार नहीं होगा।

ये निर्देश ताज संरक्षण मामले में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एमबी लोकूर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने की। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण में हो रही ढिलाई पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश और केन्द्र से उन अधिकारियों के नाम बताने को कहा था जिनकी जिम्मेदारी ताजमहल और टीटीजेड को संरक्षित करने की है।

सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अधिकारियों के नाम के साथ साथ बताया कि एएसआई ही विश्व धरोहर ताजमहल के बारे में यूनेस्को को रिपोर्ट भेजता है। इस पर पीठ ने जब एएसआई से पूछा कि रिपोर्ट कब भेजी गई तो एएसआई ने कहा कि पिछली रिपोर्ट 2013 में भेजी गई थी। इस पर पीठ ने कहा कि तब से अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे मे तो विदेशी एजेंसी भी चिंता जता सकती है। एएसआई का कहना था कि विस्तृत रिपोर्ट 2013 में दी गई थी लेकिन वैसे ताजमहल के रखरखाव की नियमित जानकारी वहां दी जाती है यहां तक कि इस केस के लंबित होने की भी सूचना दी गई थी।

याचिकाकर्ता एमसी मेहता ने कहा कि टीटीजेड अथारिटी एक प्रकार से खत्म हो चुकी है इसका पुनर्गठन होना चाहिए। भूरेलाल कमेटी जैसी स्वतंत्र एजेंसी को भी इसका मुखिया बनाया जा सकता है क्योंकि टीटीजेड क्षेत्र कोई छोटा इलाका नहीं है ये कुल 10400 किलोमीटर का क्षेत्र है। कोर्ट ने यूपी से टीटीजेड अथारिटी के पुनर्गठन के मामले में निर्देश लेकर सूचित करने को कहते हुए मामले की सुनवाई 28 अगस्त तक टाल दी। उसी दिन कोर्ट ताजमहल संरक्षण के विजन डाकूमेंट पर सुनवाई करेगा। इस बीच एमसी मेहता विजन डाकूमेंट पर अपने सुझाव देंगे।

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