12 हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 68 नामों की सिफारिश

25 अगस्त और एक सितंबर को हुई बैठकों में कोलेजियम ने हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 112 नामों पर विचार किया था। सिफारिश किए गए 68 नामों में से 44 बार से हैं और 24 न्यायिक सेवा से हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 03:12 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 07:19 AM (IST)
12 हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 68 नामों की सिफारिश
12 हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 68 नामों की सिफारिश

नई दिल्ली, प्रेट्र।  प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम (SC collegium) ने अभूतपूर्व फैसला लेते हुए 12 हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए एक साथ 68 नामों की सिफारिश की है। इनमें जजों की जबर्दस्त कमी का सामना कर रहे इलाहाबाद, राजस्थान और कलकत्ता हाई कोर्ट भी शामिल हैं। 25 अगस्त और एक सितंबर को हुई बैठकों में कोलेजियम ने हाई कोर्टो में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 112 नामों पर विचार किया था। सिफारिश किए गए 68 नामों में से 44 बार से हैं और 24 न्यायिक सेवा से हैं।

महिला अधिकारियों के नामों की भी सिफारिश

तीन सदस्यीय कोलेजियम में प्रधान न्यायाधीश के अलावा जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर भी शामिल हैं। मार्ली वानकुंग मिजोरम की ऐसी पहली महिला न्यायिक अधिकारी हैं, कोलेजियम ने जिनके नाम की सिफारिश गुवाहाटी हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति के लिए की है। उनके अलावा नौ और महिलाओं के नामों की विभिन्न हाई कोर्टो के लिए सिफारिश की गई है। 

देश को मिल सकतीं हैं पहली महिला मुख्य न्यायाधीश्

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जजों की नियुक्ति के लिए पहली बार तीन महिला जजों के नाम की सिफारिश की है। यदि इन नामों को मंजूरी मिलती है तो भारत को 2027 में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागराथन के नाम की भी सिफारिश की है। यदि इस नाम को सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो जस्टिस बीवी नागराथन भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए 16 नामों की सिफारिश

कोलेजियम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए 16 नामों की सिफारिश की है। इनमें तीन न्यायिक अधिकारी और 13 वकील हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 160 है जबकि वर्तमान में वहां सिर्फ 93 जज कार्यरत हैं।

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