मुश्किल होगा ईरान से तेल खरीदना, यूरो में भुगतान से पीछे हटा SBI

ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में भारतीय तेल कंपनियों के लिए ईरान से तेल खरीदना मुश्किल हो जाएगा।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 06:23 PM (IST)
मुश्किल होगा ईरान से तेल खरीदना, यूरो में भुगतान से पीछे हटा SBI
मुश्किल होगा ईरान से तेल खरीदना, यूरो में भुगतान से पीछे हटा SBI

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में भारतीय तेल कंपनियों के लिए ईरान से तेल खरीदना मुश्किल हो जाएगा। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने सभी रिफाइनरियों को इस बारे में सूचना भेजी है कि ईरान के तेल के बदले भुगतान की दिक्कतों को देखते हुए उन्हें वहां से कच्चे तेल की आपूर्ति के नए सौदे नहीं करने चाहिए।

ऐसा अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से हो रहा है जिसके तहत ईरान से तेल कारोबार पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। वैसे सरकार के स्तर पर यूरोपीय देशों से इस बारे में बातचीत हो रही है कि ईरान से तेल खरीदने का कारोबार आगे भी चलता रहे लेकिन ऐसा लगता है कि एसबीआइ ने नफा-नुकसान के आकलन के बाद फिलहाल कदम खींचने का फैसला किया है।

सरकारी क्षेत्र की दो तेल कंपनियों इंडियन आयल और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) ने स्वीकार किया है कि उन्हें एसबीआई की तरफ से इस तरह का निर्देश मिला है। एसबीआइ ने बताया है कि 03 नवंबर, 2018 के बाद से ईरान से खरीदे गये तेल का भुगतान यूरोपीय मुद्रा यूरो में करने का रास्ता नहीं खुला रहेगा।

सनद रहे कि अमेरिकी प्रतिबंध के बाद अमेरिकी डॉलर में ईरान को भुगतान करने का विकल्प वैसे ही सीमित हो गया है। भारत अभी ईरान से खरीदे गये कुल कच्चे तेल का एक तिहाई हिस्से का भुगतान यूरो में करता है और माना जा रहा था कि यूरोपीय देशों की मदद से यह जारी रखा जा सकता है। इस बारे में भारत का एक दल पिछले दिनों में यूरोपीय देशों की यात्रा पर भी गया था। लेकिन लगता है कि भारतीय स्टेट बैंक इस बारे में फिलहाल कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। भारतीय रिफाइनरियां अभी एसबीआइ के जरिए ही ईरान को तेल का भुगतान करती हैं।

सरकारी तेल कंपनियों के बड़े अधिकारियों ने दैनिक जागरण को बताया कि अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद से ही वह ईरान के तेल विकल्प के तौर पर दूसरे देशों से बात कर रहे हैं। भारत इस वर्ष ईरान से ज्यादा तेल खरीदने को तैयारी कर रहा था। भारत ईरान का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीददार देश है जबकि भारत के लिए ईरान दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है।

अब ईरान की कमी सऊदी अरब, रूस और अमेरिका से पूरी की जा सकती है। यह भी हो सकता है कि ईरान अभी भारत को क्रेडिट पर कच्चा तेल बेचे और बाद में जब हालात सुधर जाए तो वह उसका भुगतान लेने को तैयार हो जाए। ऐसा वर्ष 2012 में भी हुआ था। तब भारत ने ईरान से आयातित तेल के एक हिस्से का भुगतान अनाज के जरिए किया था। बची हुई राशि का भुगतान कई वर्षो बाद भारत ने ईरान को किया। एक अन्य विकल्प यह है कि ईरान कुल भुगतान का कुछ हिस्सा भारतीय रुपये में स्वीकार कर ले। भारत और ईरान के बीच सीधा बैंकिंग रिश्ते नहीं होने की वजह से ही यह समस्या कुछ गंभीर हो रही है।

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