शारदा ग्रुप का घोटालेबाज चेयरमैन गिरफ्तार

श्रीनगर [जागरण न्यूज नेटवर्क]। पश्चिम बंगाल, असम सहित कई पूर्वी राज्यों में हजारों निवेशकों को चूना लगाकर फरार हुए शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्तो सेन को दो अधिकारियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। बंगाल पुलिस से मिली सूचना पर कश्मीर पुलिस की कार्रवाई में यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके से हुई। गिरफ्तार लोगों के पास से बंगाल के नंबर वाली एक स्कोर्पियो गाड़ी भी बरामद की गई है। गांदरबल के पुलिस अधीक्षक शाहिद मेहराज ने यह जानकारी दी है। बंगाल के बिधाननगर क्षेत्र के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने भी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

By Edited By: Publish:Tue, 23 Apr 2013 08:13 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2013 08:29 PM (IST)
शारदा ग्रुप का घोटालेबाज चेयरमैन गिरफ्तार

श्रीनगर [जागरण न्यूज नेटवर्क]। पश्चिम बंगाल, असम सहित कई पूर्वी राज्यों में हजारों निवेशकों को चूना लगाकर फरार हुए शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्तो सेन को दो अधिकारियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। बंगाल पुलिस से मिली सूचना पर कश्मीर पुलिस की कार्रवाई में यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके से हुई। गिरफ्तार लोगों के पास से बंगाल के नंबर वाली एक स्कोर्पियो गाड़ी भी बरामद की गई है। गांदरबल के पुलिस अधीक्षक शाहिद मेहराज ने यह जानकारी दी है। बंगाल के बिधाननगर क्षेत्र के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने भी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

माना जा रहा है कि शारदा ग्रुप ने करीब तीस हजार करोड़ रुपये की धनराशि का चूना लगाया है। चेयरमैन के साथ गिरफ्तार किए गए दो अधिकारियों के नाम-देबजानी मुखर्जी और अरविंद सिंह चौहान हैं। पहचान पुष्ट होने पर इन्हें स्नोलैंड होटल से गिरफ्तार किया गया। बंगाल पुलिस अब इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बंगाल लाएगी। इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शारदा ग्रुप के चेयरमैन और अधिकारियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था और प्रदेश सरकार ने घोटाले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। प्रदेश के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस घोटाले के लिए पूर्व की वाम मोर्चा सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि वामो के कार्यकाल में शारदा ग्रुप और उस जैसी कई कंपनियों को लाइसेंस व सुविधाएं देकर गरीबों का पैसा हजम करने का मौका दिया गया।

घोटाले की खबर फैलते ही गुवाहाटी में निवेशकों और संग्रह अभिकर्ताओं ने एकजुट होकर शारदा ग्रुप की अचल संपत्तियों, कृषि आधारित उद्योग और संबंधित मीडिया हाउस के दफ्तर पर हमले कर दिए। धुबड़ी जिले में ग्रुप द्वारा संचालित बिस्कुट फैक्ट्री में भी तोड़फोड़ की गई। पता चला कि ग्रुप की ओर से अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में प्रकाशित दैनिक समाचार पत्रों के कर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा था। इसी प्रकार से जिन भवनों में ग्रुप के कार्यालय चल रहे थे उनके स्वामियों को कई महीने से किराया नहीं चुकाया जा रहा था। इससे पता चलता है कि निवेशकों का धन लेकर फरार होने की तैयारी कई महीने पहले से की जा रही थी।

संचयिता मामले की याद आई

कोलकाता। बंगाल में सन 1980 में हुए संचयिता इनवेस्टमेंट घोटाले की याद ताजा हो आई है। तीस साल से ज्यादा पहले हुए इस घोटाले में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम डूब गई थी। प्रभावित तमाम निवेशकों और संग्रह अभिकर्ताओं ने आत्महत्या कर ली थी। उक्त घटना से सतर्क प्रदेश सरकार ने शारदा ग्रुप में गड़बड़ी की खबर लगते हुए जांच के लिए विशेष जांच दल [एसआइटी] गठित कर दिया और उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दे दिए।

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