'ट्रेन बहुत गंदी है, मुझे मम्मी-पापा के पास ले चलो'

संकल्प व नंदिनी की पांच साल की बेटी को नहीं पता कि उसके मम्मी-पापा अब इस दुनिया में नहीं हैं। उसे तो बस इतना याद है कि ये ट्रेन बहुत गंदी है, जिसने उसे व उसके मम्मी-पापा को चोट पहुंचाई। सुखदेव विहार में अपने दादा-दादी से रिदिमा बार-बार यही पूछ रही है कि मम्मी-पापा कहां हैं। मुझे उनके

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Fri, 17 Oct 2014 08:33 AM (IST) Updated:Fri, 17 Oct 2014 09:32 AM (IST)
'ट्रेन बहुत गंदी है, मुझे मम्मी-पापा के पास ले चलो'

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। संकल्प व नंदिनी की पांच साल की बेटी को नहीं पता कि उसके मम्मी-पापा अब इस दुनिया में नहीं हैं। उसे तो बस इतना याद है कि ये ट्रेन बहुत गंदी है, जिसने उसे व उसके मम्मी-पापा को चोट पहुंचाई। सुखदेव विहार में अपने दादा-दादी से रिदिमा बार-बार यही पूछ रही है कि मम्मी-पापा कहां हैं। मुझे उनके पास ले चलो। इस मासूम को यह भी नहीं पता कि उसके घर में आज दर्जनों लोग क्यों रो रहे हैं। घरवाले बस उसे यही दिलासा दे रहे हैं कि बेटा वे जल्दी आ जाएंगे।

सुखदेव विहार में स्थित ग्राउंड फ्लोर के जिस फ्लैट में संतोष रहते हैं वहां आने वाले हर शख्स की आंखें नम हैं। बृहस्पतिवार को घर के बाहर काफी संख्या में मीडिया कर्मियों के मौजूद होने के कारण आसपास के भी दर्जनों लोग जुट गए। हालांकि, लोगों को यह जानकर आश्चर्य हो रहा था कि इतना बड़ा कलाकार उनके पड़ोस में रह रहा है।

'दीदी-जीजा ने कभी नहीं बताया'

पटना से आए नंदिनी के भाई कुंदन कुमार ने बताया कि उसके दीदी-जीजा ने उससे अपनी इस परेशानी के बारे में कभी नहीं बताया। लेकिन उन्हें कुछ परेशानी थी, यह उनकी बातों से लग जाता था। काफी पूछने पर भी वह इस बारे में कुछ भी नहीं बताते थे। कुंदन ने बताया कि 10 अक्टूबर मैंने दीदी को फोन पर जन्मदिन की बधाई दी। दोनों ने प्रेम-विवाह किया था। नंदिनी ने पटना, रांची व दिल्ली में पढ़ाई की थी। इसके बाद फैशन डिजाइनिंग की नौकरी की। शादी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। उसने बताया कि दोनों में कभी कोई विवाद नहीं हुआ। ज्ञात हो कि नंदिनी के पिता पटना में डॉक्टर हैं। दो भाइयों में वह इकलौती बहन थी।

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