खुल गई खादी की किस्‍मत, 50 हजार करोड़ की हुई उत्‍पादों की बिक्री

शहद, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, फर्नीचर व जैविक खाद्य पदार्थ जैसे उत्‍पादों की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिली, जो ग्रामोद्योगों द्वारा उत्‍पादित किए जा रहे हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Mon, 01 May 2017 10:50 AM (IST) Updated:Mon, 01 May 2017 11:47 AM (IST)
खुल गई खादी की किस्‍मत, 50 हजार करोड़ की हुई उत्‍पादों की बिक्री
खुल गई खादी की किस्‍मत, 50 हजार करोड़ की हुई उत्‍पादों की बिक्री

नई दिल्‍ली। अब तक ऐसा लग रहा था कि खादी व खादी से जुड़े उत्‍पाद लोगों के लिए 'आउटडेटेड' हो चुके हैं। सरकार के काफी प्रयासों के बावजूद ये मुनाफे का सौदा साबित नहीं हो पा रहे थे। मगर जो खबर सामने आई है वो वाकई में हैरान करने वाली है। पिछले साल खादी व खादी से जुड़े उत्‍पादों की 50 हजार करोड़ से ज्‍यादा की बिक्री हुई। शहद, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, फर्नीचर व जैविक खाद्य पदार्थ जैसे उत्‍पादों की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिली, जो ग्रामोद्योगों द्वारा उत्‍पादित किए जा रहे हैं और ज्‍यादातर महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

अब बिक्री के आंकड़े स्‍पष्‍ट रूप से इस ओर इशारा कर रहे हैं कि लोगों का खादी व खादी उत्‍पादों के प्रति एक बार फिर रुझान बढ़ने लगा है। तभी नतीजे के तौर पर 2016 में 50 हजार करोड़ रुपये की बिक्री सामने आई है।

खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान ग्रामोद्योग के वस्तुओं की बिक्री 24 प्रतिशत बढ़ गई। अब 2018-19 में सरकार का लक्ष्य खादी उद्योग की बिक्री को बढ़ाकर पांच हजार करोड़ रुपए करने का है। हालांकि सरकार खादी और गांव द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बढ़ावा देकर इसकी बिक्री को और बढ़ा सकती है।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ब्रांड एक्सपर्ट हरीश बिजूर बताते हैं कि पहले खादी केवल राजनीतिक वर्ग की पसंद थी, मगर आम उपभोक्ता भी आजकल प्राकृतिक उत्पादों की ओर ज्यादा तवज्जोे दे रहे हैं जिससे ये उद्योग विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। एक और अच्‍छी बात ये भी है कि खादी अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहा है। 21 विदेशी बाजारों में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, खादी भारत के सबसे लोकप्रिय ब्रांड में से एक है।

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