म्यांमार के रास्ते भारत को लहु-लूहान करने की है पाकिस्तान की साजिश

दो दिन पहले म्यांांमार की पुलिस ने बांग्लादेश सीमा पर पाक से प्रशिक्षण प्राप्त रोहंगिया इस्लामिक आतंकियों के एक गुट का पर्दाफाश किया है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Oct 2016 08:12 PM (IST) Updated:Thu, 20 Oct 2016 09:29 AM (IST)
म्यांमार के रास्ते भारत को लहु-लूहान करने की है पाकिस्तान की साजिश

नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। कुछ भी हो जाए, दुनिया भर में भले ही वह अकेले पड़ जाए लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपनी राह बदलने को तैयार नहीं। यही नहीं भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ किसी भी हद तक जा सकती है।

जब बांग्लादेश ने आइएसआइ की भारत विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगा दिया तो उसने अब म्यंमार के रास्ते भारत को लहूलुहान करने का रोडमैप तैयार किया है। दो दिन पहले म्यंमार की पुलिस ने बांग्लादेश सीमा पर पाक से प्रशिक्षण प्राप्त रोहंगिया इस्लामिक आतंकियों के एक गुट का पर्दाफाश किया है। इस गुट के बारे में जानकारी भारत के साथ साझा किया गया है जिससे भारतीय खुफिया एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है।

सूत्रों के मुताबिक पिछले म्यंमार में दो-तीन वर्ष पहले रोहंगिया मुसलमानों के खिलाफ हुए दंगे-फसाद के बाद बड़ी संख्या में ये लोग भारत और नेपाल होते हुए पाकिस्तान जाने में सफल रहे हैं। यह खबर पहले से मिल रही थी कि इनमें से कुछ लोगों को पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान तालिबान की मदद से आतंकी प्रशिक्षण देना शुरु किया है।

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म्यंमार-बांग्लादेश सीमा पर अका अल मुजाहिद्दीन (एएएम) नाम से आतंकी संगठन के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। अब म्यंमार पुलिस की कार्रवाई के बाद इस आतंकी संगठन के बारे में मिल रही सारी सूचनाएं सही साबित हुई हैं। इस आतंकी संगठन के खौफनाक इरादे इस बात से जाहिर होते हैं कि इन्हें साथ मुठभेड़ में म्यंमार पुलिस के नौ जवान मारे गये हैं। आठ आतंकी भी मारे गये हैं।

एएएम के लोग अभी आतंक का पाठ पढ़ना ही शुरु किये थे। इनका नेता हाफिज तोहर है जिसने आतंकवादी के गुर आइएसआइ और तालिबान के साथ रह कर सीखे हैं। सूत्रों का कहना है कि म्यंमार में वहां स्थानीय दंगे-फसाद से नाराज मुस्लिम युवाओं को आतंक की राह पर ले जाने के लिए कुख्यात आतंकी हाफीज सईद के संगठन लश्करे-तैय्यबा भी काम कर रहा है।

हाफिज सईद ने अपने एक खास सहयोगी कादुस बुरमी को म्यंमार में आतंक की जड़ फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हाफिज सईद का संगठन पाकिस्तान में कई जगहों पर रोहंगिया मुसलमानों के लिए दान एकत्रित करने का काम भी करता है। कहने की जरुरत नहीं कि हाफिज सईद यह काम अकेले नहीं कर रहा है बल्कि इसमें आइएसआइ की भी पूरी साजिश है।

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यह पहला मौका नहीं है जब म्यंमार के रास्ते आतंक की फौज खड़ी कर भारत को परेशान करने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। पिछले वर्ष बांग्लादेश पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के सहयोग से रोहंगिया मुसलमानों में आतंक को बढ़ावा देने की साजिश का भंडाफोड़ किया था। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान हुक्मरानों को यह लग रहा है कि बांग्लादेश में उनकी आतंक की दुकानदारी बंद होने के बाद अब म्यंमार के रास्ता वे भारत (खास तौर पर पूर्वोत्तर) में अपने खूनी खेल को अंजाम दे सकते हैं।

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