बलिदान दिवस : ग्वालियर पहुंची रानी झांसी की बलिदान मशाल ज्योति

रानी झांसी बलिदान ज्योति यात्रा सुबह झांसी किले से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई इलाइट चौराहा पहुंची।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 01:15 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 01:15 PM (IST)
बलिदान दिवस : ग्वालियर पहुंची रानी झांसी की बलिदान मशाल ज्योति
बलिदान दिवस : ग्वालियर पहुंची रानी झांसी की बलिदान मशाल ज्योति

झांसी, जेएनएन। झांसी की रानी लक्ष्‍मीबाई का आज बलिदान दिवस है। आज ही के दिन यानी 18 जून 1858 को अंग्रेजों से लड़ते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनकी बहादुरी के किस्सों की तारीफ उनसे लड़ने वाले अंग्रेजों ने खुद की थी। भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की नायिका रानी लक्ष्‍मीबाई की वीरता और साहस को शायद ही कभी कोई भुला पाए।

आजादी के आंदोलन की प्रथम दीपशिखा महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को बलिदान ज्योति यात्रा झांसी किले से रवाना होकर ग्वालियर स्थित समाधि स्थल पहुंची। बलिदान ज्योति यात्रा को इलाइट चौराहे पर सदर विधायक ने रवाना किया। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इधर, कई अन्य सामाजिक संगठनों ने कार्यक्रम आयोजित कर रानी झांसी के बलिदान को याद किया।

रानी झांसी बलिदान ज्योति यात्रा सुबह झांसी किले से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई इलाइट चौराहा पहुंची। यहां से यह यात्रा ग्वालियर के लिए रवाना हुई। बलिदान ज्योति यात्रा को रवाना करते हुए विधायक रवि शर्मा ने कहा कि रानी झांसी के बलिदान को आज पूरी दुनिया याद कर रही है। इस दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, मनमोहन गेड़ा आदि उपस्थित रहे। इसके पहले मशाल ज्योति यात्रा विहिप के जिला महामंत्री अंचल सरावगी के नेतृत्व में शहर में भ्रमण पर निकली, जिसके साथ बड़ी संख्या में युवा देशभक्ति की गीतों पर थिरकते रहे। बाद में यात्रा संयोजक अनूप करौसिया व विहिप के सहमंत्री नरेश कश्यप के नेतृत्व में ग्वालियर के लिए रवाना हुई।

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