मौलानाओं से मिले राजनाथ, गर्मायी सियासत

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मुस्लिम धर्मगुरुओं से हुई मुलाकात को लेकर विरोधी दल हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी की मुलाकात को लेकर हाय-तौबा मचाते हुए चुनाव आयोग तक शिकायत कर आई भाजपा को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुस्लिम धर्मगुरुओं

By Edited By: Publish:Wed, 16 Apr 2014 12:06 AM (IST) Updated:Wed, 16 Apr 2014 10:32 AM (IST)
मौलानाओं से मिले राजनाथ, गर्मायी सियासत

लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मुस्लिम धर्मगुरुओं से हुई मुलाकात को लेकर विरोधी दल हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी की मुलाकात को लेकर हाय-तौबा मचाते हुए चुनाव आयोग तक शिकायत कर आई भाजपा को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुस्लिम धर्मगुरुओं से की गई मुलाकात की सफाई देने में मुश्किल आ रही है।

दो दिन के लिए चुनाव प्रचार की खातिर लखनऊ आए राजनाथ ने सोमवार को शिया धर्मगुरु व इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी और सुन्नी धर्मगुरु व ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से उनके घर जाकर मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ ने भाजपा के घोषणापत्र में मुस्लिमों के कल्याण के लिए किए गए वादों से अवगत कराया। कांग्रेस के मीडिया प्रमुख अजय माकन ने इसे भाजपा के दोहरे चरित्र का उदाहरण बताया। मंगलवार को लखनऊ आए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से भाजपा नेता की यह मुलाकात सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की पुरजोर कोशिश है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी इसे हताशा और निराशा का परिचायक बताते हुए कहा कि भाजपा का चेहरा बेनकाब हुआ है।

भाजपा ने सफाई देने की मुद्रा में कहा कि दरअसल यह मुलाकात भाजपा अध्यक्ष नहीं बल्कि लखनऊ सीट से पार्टी के प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने की थी। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि चूंकि दोनों मुस्लिम धर्मगुरु लखनऊ के मतदाता भी हैं, इसलिए उनसे मिलकर उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश को एक प्रत्याशी और वोटर के बीच संपर्क के अतिरिक्त किसी और नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। सोनिया गांधी और मौलाना बुखारी की मुलाकात इस मायने में अलग और आपत्तिजनक थी। मौलाना बुखारी ने मुस्लिमों से कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने की अपील की थी जो प्रावधानों के तहत अनुचित था।

उधर, मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि वह किसी सियासी दल या उम्मीदवार की हिमायत नहीं करते, न ही उन्होंने ऐसा कोई संदेश दिया है। अलबत्ता उन्होंने यह कहा कि कांग्रेस से मुसलमानों को बुनियादी नुकसान हुआ है। मुसलमान जिस दल को अपना शुभचिंतक समझें, उसे वोट दें।

'नरेंद्र मोदी को लेकर मुस्लिमों में थोड़ी भय की स्थिति है लेकिन जहां तक राजनाथ सिंह का सवाल है, तो वह उनकी छवि काफी हद तक अटल बिहारी वाजपेयी जैसी उदारवादी है।'- मौलाना कल्बे जवाद, शिया धर्मगुरु

पढ़ें : राजनाथ सिंह की स्वीकार्यता अटल जैसी : मौलाना कल्बे जवाद

chat bot
आपका साथी