राफेल सौदा भारतीय वायुसेना के लिए ऑक्सीजन साबित होगा

फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का जो सौदा हुआ है उससे भारतीय वायुसेना (आइएएफ) को कुछ राहत (ऑक्सीजन) मिलेगी। ये विमान दो साल के अंदर आइएएफ में शामिल कर लिए जाएंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को यह बात कही।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Sat, 11 Apr 2015 08:19 PM (IST) Updated:Sat, 11 Apr 2015 08:32 PM (IST)
राफेल सौदा भारतीय वायुसेना के लिए ऑक्सीजन साबित होगा

पणजी । फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का जो सौदा हुआ है उससे भारतीय वायुसेना (आइएएफ) को कुछ राहत (ऑक्सीजन) मिलेगी। ये विमान दो साल के अंदर आइएएफ में शामिल कर लिए जाएंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को यह बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच शुक्रवार को पेरिस में बातचीत के बाद हुए इस सौदे को पर्रिकर ने सरकार का बेहतरीन निर्णय बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया है। यह भारतीय वायुसेना को मजबूत करने का काम करेगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, आइएएफ को इस सौदे से कम से कम अपनी जरूरतों के लिए राहत मिलेगी। वास्तव में पिछले 17 सालों से हम लोगों ने कोई भी नई पीढ़ी का विमान नहीं खरीदा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर नियम एवं शर्तों पर 36 युद्धक विमानों की खरीद का बहुत बेहतरीन निर्णय लिया है। यह अत्यंत सकारात्मक निर्णय है। इसकी जरूरत थी।

पीएम मोदी ने शुक्रवार को पेरिस में कहा था, भारत लड़ाकू विमानों की परिचालन संबंधी अत्यंत महत्वपूर्ण जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उड़ान के लिए तैयार स्थिति वाले 36 राफेल लड़ाकू विमान जल्द से जल्द खरीदेगा। पर्रिकर ने कहा, 'राफेल का आइएएफ में शामिल करने में दो साल लग सकते हैं क्योंकि उड़ान के लिए तैयार का मतलब यह नहीं है कि हमें वे विमान कल ही मिल जाएंगे। भारत को जरूरत के मुताबिक उन्हें बनवाना होगा। उनकी कीमत को लेकर भी मोलभाव होगा। अभी यह करीब 700 करोड़ रुपये का है।'

उन्होंने कहा कि इन विमानों की खरीद को लेकर बातचीत पिछले कई सालों से लटकी थी। वास्तव में बातचीत वर्ष 2000 में शुरू हुई थी और बहुत सारी भ्रांतियों की वजह से यह अब भी पूरी नहीं हुई है। मैं बहुत खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने इसके लिए पहल की। पर्रिकर ने यह नहीं बताया कि बहुत अधिक जरूरत के बावजूद इन विमानों को सेना में शामिल करने में कम से कम दो साल क्यों लगेंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि विमानों की कीमत को लेकर अभी और बातचीत होनी है। भारत की जरूरत के हिसाब से इन विमानों को फिर से तैयार किया जाना है। हो सकता है कि दोनों देशों की सरकारों की बातचीत समाप्त हो गई हो लेकिन आइएएफ और विमान निर्माता कंपनी दासौ के बीच इसके लिए विस्तृत बातचीत अभी होनी है।

पर्रिकर ने कहा कि शुरुआत में 36 राफेल विमानों की खरीद के बाद देश में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत या राफेल की तरह की व्यवस्था के जरिये और विमान बनेंगे। उन्होंने कहा कि राफेल चौथी पीढ़ी का विमान है। भारत के पास अभी पुरानी पीढ़ी के मिग-21, मिग-27 और एसयू-30 जैसे पुरानी पीढ़ी के विमान हैं।

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